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मानवाधिकारमलेशिया

मलेशिया में लगेगी मृत्युदंड पर रोक

१० जून २०२२

मलेशिया की सरकार ने कहा है कि अनिवार्य मृत्युदंड को हटाने का फैसला ले लिया गया है. देश में पहले भी मृत्युदंड को हटाने की घोषणा की जा चुकी है लेकिन यह सजा आज भी प्रचलन में है.

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Malaysia Kuala Lumpur | Protest gegen Todesstrafe
तस्वीर: Vincent Thian/AP/picture alliance

मलेशिया में मृत्युदंड को हटाने की मांग करने वालों ने सरकार की इस घोषणा का स्वागत किया लेकिन साथ ही चेताया कि इससे पहले भी ऐसी घोषणाएं हो चुकी हैं लेकिन उन्हें लागू नहीं किया गया. मलेशिया में हत्या और ड्रग्स की तस्करी समेत कई अपराधों के लिए आज भी मृत्युदंड एक अनिवार्य सजा है.

2018 में एक सुधारवादी गठबंधन सरकार ने घोषणा की थी वो मृत्युदंड को पूरी तरह से खत्म कर देगी लेकिन उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों और मारे गए लोगों के परिवार के विरोध के बाद योजना को रोक दिया गया. तब से मूल योजना को हल्का कर यह प्रस्ताव दिया गया था कि मृत्युदंड को सिर्फ उन मामलों से हटा दिया जाएगा जिनमें वो अनिवार्य है.

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जज के विवेक पर मृत्युदंड

कानून मंत्री वान जुनैदी तुआंकू जाफर ने शुक्रवार, 10 जून को बताया कि मंत्रिमंडल ने अनिवार्य मृत्युदंड को खत्म कर देने का फैसला किया है. उन्होंने यह भी कहा कि उसकी जगह किस तरह की सजा को लाया जा सकता है उसके लिए और अध्ययन किया जाएगा.

कुआला लुंपुर
कुआला लुंपुर में सिंगापुर के दूतावास के बाहर मृत्युदंड के खिलाफ प्रदर्शनतस्वीर: Vincent Thian/AP Photo/picture alliance

उन्होंने आगे कहा, "इस मामले पर लिए गए फैसले ने सबके अधिकारों को संरक्षित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाया है." मलेशिया में अनिवार्य मृत्युदंड वाले अपराधों के अलावा, कई ऐसे अपराध भी हैं जिनका दोषी पाए जाने पर जज अपने विवेक पर मृत्युदंड की सजा सुना सकता है.

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इस व्यवस्था को बदलने के लिए संसद को नया कानून पारित करना पड़ेगा और वान जुनैदी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि इसमें "थोड़ा समय लगेगा." उन्होंने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं दी. उन्होंने यह भी कहा कि प्रक्रिया "उतनी भी सरल नहीं है जितनी लोग कल्पना कर रहे होंगे."

ठोस कदम की जरूरत

अधिकार समूहों ने भी घोषणा का स्वागत करते हुए चिंता जताई. ह्यूमन राइट्स वॉच के एशिया निदेशक फिल रॉबर्टसन ने एएफपी को बताया, "यह आगे बढ़ने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम है...लेकिन इससे पहले कि सब लोग इसका जश्न मनाने लगें, हम मलेशिया को इसे हकीकत में बदलने के लिए सक्रिय कानूनी संशोधन करते देखना चाहेंगे."

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उन्होंने बताया कि देश में एक के बाद एक सरकारों ने "मानवाधिकारों के मोर्चे पर काफी वादे किए लेकिन अंत में काम बहुत कम किया." विपक्ष के सांसद रामकृपाल सिंह ने संकेत दिया कि वो कदम के समर्थन में हैं. जब पहली बार किसी सरकार ने मृत्युदंड को खत्म करने का प्रस्ताव दिया था, तब सिंह की ही पार्टी सत्ता में थी. उन्होंने कहा, "हमने हमेशा अनिवार्य मृत्युदंड को खत्म करने की वकालत की है."

सीके/एए (एएफपी)

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