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मैग्मा की गड़गड़ाहटों से ज्वालामुखी विस्फोट की भविष्यवाणी

२१ अक्टूबर २०२२

ज्वालामुखी के भीतरी हिस्सों में होने वाली मैग्मा की गड़गड़ाहटें विस्फोट की चेतावनी दे सकती हैं. ये आवाजें बहुत धीमी होती हैं जो बाहर से सुनाई नहीं देतीं लेकिन ज्वालामुखी का खतरा झेलने वाले लोगों की जान बचा सकती हैं.

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जवालामुखी विस्फोट की  पहले चेतावनी दी जा सकती है
ज्वालामुखी विस्फोट की भविष्यवाणी का नया तरीकातस्वीर: Salvatore Allegra/AP/dpa/picture alliance

"इंफ्रासाउंड" पर रिसर्च कर रही वैज्ञानिकों की एक टीम ने पता लगाया है कि गड़गड़ाहट की ये आवाजें इतनी धीमी हैं कि इंसान नहीं सुन सकता. इटली के माउंट एटना जैसे ज्वालामुखियों से वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि मैग्मीय गड़गड़ाहटों में विस्फोट का समय पास आने पर तेजी से और बड़ा परिवर्तन होता है.

गड़गड़ाहटों का संगीत

मैग्मा में विस्फोट के बाद आवाजों की तरंगें क्रेटर में उसी तरह गूंजने लगती हैं जैसे कि पीतल के बने तुरही जैसे वाद्य यंत्रों में संगीत. कैंटरबरी यूनिवर्सिटी के रिसर्चर लाइटन वाटसन ने बताया, "कुछ खास तरह के नोट गूंजते हैं." वाटसन कई देशों के वैज्ञानिकों को मिला कर बनी रिसर्ट टीम में शामिल हैं.

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मैग्मा जैसे जैसे ऊपर आता है, गड़गड़ाहटों के सुर बदलने लगते हैं ठीक वैसे ही जैसे कि कोई हाथों में तुरही लेकर बजाता हुआ चला जा रहा हो. फरवरी 2021 में जब एटना से धुएं और राख के बादल निकल रहे थे तो इन आवाजों में आए बदलाव को महसूस किया गया. वाटसन ने बताया, "पीक फ्रीक्वेंसी बढ़ती गई और बढ़ती गई, और इसका कारण यह था कि मैग्मा क्रेटर में ऊपर आ रहा था."

मैग्मा के हर स्तर पर के साथ कौन सा नोट सुनाई देता है इसका पता लगा कर भविष्य के लिए विस्फोटों की जानकारी मिल सकती है.

इटली के माउंट एटना से उठता धुएं का बादल
विस्फोट से पहले मैग्मा की गड़गड़ाहटों में बड़ा बदलाव होता हैतस्वीर: imagebroker/IMAGO

इंसानों की जान बचाई जा सकती है

वाटसन समेत इटली और अमेरिका के वैज्ञानिकों की टीम का मानना है कि आवाजों के ये नोट विस्फोट के "कई घंटे पहले" इसकी चेतावनी दे सकते हैं. इतना समय घरों और बुनियादी ढांचे को बचाने के लिए पर्याप्त नहीं है लेकिन कम से कम  स्थानीय लोगों, सैलानियों और स्कीइंग करने वाले लोगों को सुरक्षित निकाला जा सकता है.

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वर्तमान में मैग्मा पर नजर रखने का जो तरीका है उसमें क्रेटर के ऊपर से हैलीकॉप्टर उड़ा कर देखा जाता है या फिर क्रेटर की ऊपर से लेजर मेजरिंग डिवाइस अंदर भेजी जाती है. ये दोनों तरीके काफी खतरनाक और महंगे हैं. इन्हें लगातार नहीं किया जा सकता. नये तरीके में प्रोब (रोबोट) की जरूरत होगी जिन्हें ज्वालामुखी से कई किलोमीटर दूर रखा जा सकता है.

सभी ज्वालामुखियों के लिए उपयोगी नहीं

खास तरीके के माइक्रोफोन अत्यंत धीमी ज्वालामुखीय आवाजों का भी पता लगा लेते हैं. इन्हें कुछ दशक पहले ही विकसित किया गया है. ऐसे में यह रिसर्च अभी शुरुआती दौर में ही है. वैज्ञानिकों की खोज पर साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में रिपोर्ट छपी है. इसमें यह भी कहा गया है कि भविष्यवाणियों को भरोसेमंद बनाने के लिए अभी और बहुत काम करना होगा. दुर्भाग्य से यह तरीका सभी ज्वालामुखियों के लिए काम नहीं कर सकता.

पहले से मिली चेतावनी बहुत से लोगों की जान बचा सकती है
गड़गड़ाहटों में बदलाव की जानकारी प्रोब के जरिये दूर रह कर मापा जा सकती हैतस्वीर: Rossi/Bildagentur-online/picture alliance

फिलहाल रिसर्च में खुले मुंह वाली ज्वालामुखियों पर ध्यान दिया गया है. रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक ये ज्वालामुखी इंफ्रासाउंड के "असाधारण" स्रोत हैं. एटना के अलावा, हवाई की किलावेया, चिली की वियारिका और निरागोंगो इन सब पर आने वाले वर्षों में यह स्टडी की जायेगी.

वाटसन का कहना है कि मैग्मा के उठने की दर और पैटर्न का भी अध्ययन करना होगा ताकि यह पता चल सके कब विस्फोट होगा और कब नहीं. गलत चेतावनी से बचने के लिए यह जरूरी होगा. वाटसन ने कहा, "हमें और अवलोकन की जरूरत होगी. हमने जहां विस्फोट वाली कुछ दिलचस्प जगहों पर यह काम किया है लेकिन चेतावनी का मॉडल बनाने के लिए कम दिलचस्प जगहों को भी देखना होगा जहां विस्फोट नहीं हुआ है."

वाटसन का यह भी कहना है, "कितनी बार यह घटना होती है? और कितनी बार इसके बाद विस्फोट होता है और कितनी बार विस्फोट नहीं होता है, यह भी देखना होगा. वास्तव में ढेर सारे आंकड़ों को देखना होगा."

एनआर/ओएसजे (एएफपी)