कहां से आए ईरान में न्यूकलियर पार्टिकल?
१ जून २०२१तीन महीने पहले ही ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने अमेरिका की उस योजना को खारिज कर दिया था जिसमें आईएईए के बोर्ड द्वारा ईरान की अपने परमाणु कार्यक्रम पर पारदर्शिता न बरतने के कारण निंदा किए जाने का प्रस्ताव था. आईएईए के प्रमुख रफाएल ग्रोसी ने एक रिपोर्ट में कहा है, "कई महीने बीत जाने पर भी ईरान ने यह नहीं बताया है कि उन तीन जगहों पर नाभिकीय पार्टिकल कहां से आए, जहां एजेंसी ने अनिवार्य परीक्षण किए थे.”
आईएईए के इस खुलासे के बाद यूरोपीय देशों के सामने एक उलझन खड़ी हो सकती है कि वे अमेरिका के ईरान की निंदा के प्रस्ताव का समर्थन करें या न करें, जो असल में 2015 में ईरान के साथ हुई परमाणु संधि को नुकसान पहुंचा सकता है. ईरान परमाणु संधि पर फिलहाल विएना में बातचीत चल रही है. ग्रोसी ने हालांकि उम्मीद जताई है कि अगले हफ्ते बोर्ड की मुलाकात से पहले हालात बदल जाएंगे.
क्या है रिपोर्ट?
उनकी रिपोर्ट कहती है कि आईएईए के ‘महानिदेशक इस बात को लेकर नाखुश हैं कि एजेंसी और ईरान के बीच चल रही तकनीकी बातचीत के अपेक्षित नतीजे नहीं निकले हैं.' रिपोर्ट कहती है, "ईरान की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में उद्घोषणाओं से संबंधित एजेंसी के सवालों के जवाब देने में प्रगति ना होने का असर उसके परमाणु कार्यक्रम के असैनिक होने का आश्वासन देने की आईएईए की क्षमता पर पर पड़ता है.”
सदस्य देशों को भेजी गई एजेंसी की एक अन्य त्रैमासिक रिपोर्ट में एजेंसी ने ये संकेत दिए हैं कि नतांज में धमाके और बिजली कटने से ईरान के यूरेनियम संवर्धन को खासा नुकसान पहुंचा है. इस धमाके के लिए ईराने इस्राएल को जिम्मेदार बताया है. आईएईए के मुताबिक अगस्त 2019 के बाद से ईरान के संवर्धित यूरेनियम के भंडार का स्तर सबसे कम रहा है.
अगस्त में यह भंडार 273 किलोग्राम था जो अब 3,241 किलोग्राम होने का अनुमान लगाया गया है. हालांकि आईएईए के मुताबिक ईरान के असहयोग के कारण इसे सत्यापित नहीं किया जा सका. परमाणु समझौते के तहत 202.8 किलोग्राम की सीमा तय की गई है जिससे यह मात्रा कहीं ज्यादा है. हालांकि ईरान ने अपने संग्रह को छह टन से कम रखने का वादा किया था.
नतांज में नुकसान
नतांज में ईरान का भूमिगत यूरेनियम संवर्धन प्लांट है. आईएईए ने 24 मई को इस बात की पुष्टि की थी कि वहां अलग-अलग तरह के सेंट्रिफ्यूग्स के 20 समूहों में यूरेनियम हेक्साफ्लोराइरड संवर्धन के लिए जमा किया जा रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक धमाके से पहले यह संख्या 35 से 37 के बीच थी. 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया था और उसके खिलाफ नए प्रतिबंध लगा दिए थे. इसके जवाब ईरान ने भी समझौता तोड़कर 2019 में अपनी परमाणु गतिविधियां फिर से शुरू कर दी थीं.
समझौते के उल्लंघन की सबसे ताजा घटनाओं में यूरेनियम संवर्द्धन का स्तर 20 से बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक ले जाना शामिल है, जो हथियार बनाने की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है. समझौते में यह स्तर 3.67 प्रतिशत पर रखना तय किया गया था. ईरान के इन उल्लंघनों के चलते अमेरिका समेत कई देशों ने नाराजगी जताई है.
वीके/एए (डीपीए, रॉयटर्स, एपी)