केरल में भूस्खलन से अब तक 43 की मौत
१० अगस्त २०२०रविवार 9 अगस्त को भूस्खलन में तबाह हुए मकानों के मलबे से 17 और लोगों के शव निकाले गए. हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर अब तक 43 हो चुकी है. प्रशासन का कहना है कि कुछ शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. रविवार को केरल के वन मंत्री के राजू ने हादसे वाली जगह का दौरा किया. भूस्खलन के कारण चाय बागान कर्मियों के 20 मकान नष्ट हो गए. मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए खोजी कु्त्तों की मदद ली जा रही है. शुक्रवार को तड़के भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ था. उस वक्त चाय बागान में काम करने वाले गहरी नींद में थे.
इडुक्की जिले के अधिकारी एच दिनेश ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "हमने भारी बारिश की वजह से बचाव कार्य रोक दिया है...यह ऑपरेशन आखिरी शव के मिलने तक जारी रहेगा." लगातार हो रही बारिश के कारण केरल के विभिन्न निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. भारतीय मौसम विभाग ने राज्य के कासरगोड, कन्नूर, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पपुरम और अलापुझा जिलों में भारी बारिश का अनुमान जताया है. मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि इन जिलों में अगले 24 घंटों में 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश होने की संभावना है. हालांकि उम्मीद है कि मंगलवार तक बारिश कम हो जाएगी.
वन मंत्री के राजू ने कहा, "राज्य की सभी एजेंसियां और एनडीआरएफ की 200 सदस्यीय टीमें तलाशी अभियान में शामिल हैं. लगातार बारिश और खराब दृश्यता के कारण सर्च ऑपरेशन में दिक्कत हो रही.'' केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जाहिर करते हुए मुआवजे का ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने पीएमएनआरएफ से दो लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है, तो वहीं केरल सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है.
साल 2018 में केरल में सदी की सबसे भयानक बाढ़ आई थी और उस समय सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में कई लोग इडुक्की के भी थे.
एए/सीके (रॉयटर्स,एएफपी)
__________________________
हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore