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समाज

बड़े लोगों पर लागू नहीं होते फेसबुक के नियमः रिपोर्ट

१४ सितम्बर २०२१

एक रिपोर्टे के मुताबिक सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक कई मशहूर लोगों, राजनेताओं और अन्य बड़ी हस्तियों को अपने ही मंच के लिए बनाए गए नियमों से छूट दे देती है.

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तस्वीर: MD Mehedi Hasan/Zuma/picture alliance

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने खबर छापी है कि गुणवत्ता पर नियंत्रण के लिए शुरू किए गए एक कार्यक्रम के तहत फेसबुक ने कई हस्तियों को अपने ही बनाए नियमों से छूट दे रखी है.

एक अंदरूनी रिपोर्ट के हवाले से अखबार ने लिखा है कि 'क्रॉस चेक' नाम का यह कार्यक्रम फेसबुक इस्तेमाल करने वाले लाखों 'बड़े लोगों को' उन नियमों से छूट दे देता है जिन्हें आम लोगों पर सख्ती से लागू किया जाता है.

अचूक नहीं है कार्यक्रम

फेसबुक प्रवक्ता ऐंडी स्टोन ने ट्विटर पर इस कार्यक्रम 'क्रॉस चेक' का बचाव किया है. हालांकि उन्होंने कहा है कि फेसबुक इस बात से वाकिफ है कि नियमों के लागू करने की प्रक्रिया 'अचूक नहीं' है.

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वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के जवाब में स्टोन ने ट्विटर पर लिखा, "न्याय की दो व्यवस्थाएं नहीं है. यह गलतियों के खिलाफ एक सुरक्षाकवच बनाने की कोशिश है. हम जानते हैं कि हमारा यह अमल अचूक नहीं है और गति व शुद्धता में ऊंच नीच होती रहती है."

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कुछ मशहूर लोगों द्वारा साझी की गईं पोस्ट का हवाला भी दिया है. इनमें फुटबॉल खिलाड़ी नेमार की एक पोस्ट है जिसमें उन्होंने एक महिला की नग्न तस्वीरें साझा की थीं. इस महिला ने नेमार पर बलात्कार का आरोप लगाया था. फेसबुक ने बाद में यह पोस्ट हटा दी थी.

फेसबुक पर क्या पोस्ट किया जाना चाहिए, इसे लेकर विवाद निपटाने के वास्ते एक स्वतंत्र बोर्ड स्थापित किया गया है. फेसबुक ने उस बोर्ड को भरोसा दिला रखा है कि कॉन्टेंट मॉडरेशन को लेकर दोहरी नीति नहीं अपनाई जाती. लेकिन वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में किए गए दावे यदि सच हैं तो फेसबुक द्वारा दिलाया गया भरोसा गलत साबित होगा.

बोर्ड के प्रवक्ता जॉन टेलर ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "फेसबुक के कॉन्टेंट मॉडरेशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर ओवरसाइट बोर्ड कई बार चिंता जता चुका है. खासकर मशहूर लोगों के खातों के बारे में कंपनी की नीति को लेकर."

व्हाइट लिस्ट

वॉल स्ट्रीट जर्नल कहता है कि कुछ यूजर ‘व्हाइट लिस्ट' में रखे गए हैं. उन्हें नियम लागू करने से सुरक्षा दी गई है जबकि कुछ मामलों में विवादास्पद सामग्री की समीक्षा ही नहीं होती.

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अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक ‘व्हाइट लिस्ट' में रखे गए खातों से ऐसी ऐसी सूचनाएं साझा की गई थीं, जैसे हिलेरी क्लिंटन 'बाल यौन शोषण का गिरोह चलाती हैं' या फिर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शरणार्थियों को जानवर कहा था.

रिपोर्ट का संकेत है कि 2020 में 'क्रॉस चेक' कार्यक्रम में 58 लाख यूजर थे. फेसबुक ने तीन साल एक पोस्ट में कहा था कि 'क्रॉस चेक' कार्यक्रम किसी को भी प्रोफाइल, पेज या सामग्री हटाए जाने से बचाता नहीं है, बस यह इतना सुनिश्चित करता है कि "जो फैसला किया गया है, वह सही है."

वीके/एए (एएफपी)

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