अब इंस्टाग्राम पर भी DW हिन्दी
१३ अगस्त २०२१15 अगस्त 1964 को पहली बार जर्मनी के कोलोन शहर से डॉयचे वेले की हिन्दी सेवा शुरु हुई. रेडियो के जरिए भारत के लोग डीडब्ल्यू और जर्मनी से जुड़ सके. आज लगभग छह दशक बाद उसी तारीख को डीडब्ल्यू हिन्दी एक और मील का पत्थर स्थापित कर रहा है. जमाना सोशल मीडिया का है. फेसबुक और यूट्यूब पर तो DW हिन्दी पहले ही लाखों लोगों से जुड़ा हुआ है. अब बारी है युवाओं की पसंद "इंस्टाग्राम" की.
डॉयचे वेले हिन्दी सर्विस के प्रमुख महेश झा का कहना है, "हम युवा लोगों तक पहुंचना चाहते हैं. उनके साथ संवाद स्थापित करना चाहते हैं. पढ़ाई और करियर, रिसर्च और डेवलपमेंट में उनकी जो दिलचस्पी है, उस पर और जानकारी उन तक पहुंचाना चाहते हैं."
इंस्टाग्रामपर DW हिन्दी का ध्यान मुख्य रूप से विज्ञान, पर्यावरण और सेहत से जुड़े मुद्दों पर रहेगा. ग्लोबल वॉर्मिंग, क्लाइमेट चेंज, अल नीनो जैसे भारी भरकम शब्दों को इंस्टाग्राम के जरिए युवाओं तक रोचक तरीके से पहुंचाया जाएगा. केवल इन शब्दों के अर्थ तक ही सीमित ना रहते हुए, इनके हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर होने वाले असर पर भी गहराई से झांका जाएगा.
इसके अलावा जर्मनी और यूरोप में विकसित हो रही नई तकनीक की झलक भी यहां देखने को मिलेगी, चाहे वह सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में हो या फिर रोबोटिक्स के. साथ ही सेहत से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा होगी, खास कर ऐसे मुद्दों पर जिन पर खुल कर बात करते हुए लोग हिचकिचाते हैं. मिसाल के तौर पर पीरियड्स और प्रेग्नेंसी से जुड़ी गलत धारणाएं या फिर परिवार नियोजन की बातें. स्टूडेंट्स के लिए यहां खास बात होगी जर्मनी और यूरोप की अलग अलग यूनिवर्सिटी और उनके कैम्पस की सैर.
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