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डॉनल्ड ट्रंप को कोरोना है भी या नहीं?

५ अक्टूबर २०२०

पहले अस्पताल से वीडियो संदेश, फिर पूरे काफिले के साथ बाहर निकलना. ट्रंप को देख कर लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं.

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USA | Trump grüßt Anhänger vor Militärkrankenhaus
तस्वीर: Alex Edelman/AFP/Getty Images

कोरोना वायरस का हर जगह ऐसा आतंक है कि किसी के भी संक्रमित होने की खबर आते ही उसे सबसे अलग थलग कर दिया जाता है. और अगर संक्रमित व्यक्ति किसी देश के राष्ट्रपति जैसा अहम शख्स हो तो सावधानी और भी ज्यादा बढ़ा दी जाती है. लेकिन डॉनल्ड ट्रंप अलग हैं. वे अपने पूरे काफिले के साथ बाहर निकले ताकि अपने समर्थकों को शुक्रिया कह सकें. इसके बाद से ट्रंप की कड़ी आलोचना हो रही है. बताया जा रहा है कि काफिले में मौजूद ट्रंप के पूरे स्टाफ को क्वारंटीन किया जाएगा.

जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के चीफ ऑफ डिजास्टर मेडिसिन जेम्स फिलिप ने इसे "राजनीतिक तमाशे" और "पागलपन" की संज्ञा दी है. उनका कहना है, "राष्ट्रपति की गाड़ी में मौजूद हर व्यक्ति को 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाना होगा. इसकी कोई जरूरत नहीं थी. वे लोग बीमार हो सकते हैं, मर सकते हैं. सिर्फ इस राजनीतिक तमाशे के लिए. ट्रंप ने उन्हें इस तमाशे के लिए अपनी जान जोखिम में डालने का हुक्म दिया. यह पागलपन है."

"बहुत कुछ सीखा, मजा आया!"

अस्पताल से बाहर आने से पहले ट्रंप ने एक वीडियो संदेश के जरिए यह बता दिया था कि सड़क पर मौजूद अपने समर्थकों से मिलने के लिए वे बाहर आएंगे. उन्होंने कहा, "मैं और किसी से यह बात नहीं कह रहा हूं, सिर्फ आपको बता रहा हूं कि मैं अपने समर्थकों को सरप्राइज देने के लिए बाहर जाने वाला हूं."

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को अलग कमरे में रखा जाता है जहां उन्हें किसी से भी मिलने की अनुमति नहीं होती लेकिन ट्रंप ने अपने वीडियो में कहा कि वे अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों के अलावा सिपाहियों से भी मिले हैं जो महामारी में लोगों की मदद कर रहे हैं. कोविड-19 और उसके खतरों को नजरअंदाज करने के लिए ट्रंप की साल की शुरुआत से ही आलोचना होती रही है. अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, "मुझे कोविड के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला है. मैं जैसे स्कूल में आ कर सीख रहा हूं. यहां असली सीख मिलती है, किताबी पढ़ाई नहीं. अब मुझे सब समझ आ रहा है. यह बहुत दिलचस्प है. मैं आपको इसके बारे में आगे और बताऊंगा. फिलहाल जो भी हो रहा है, मजा आ रहा है."

ट्रंप का बढ़ता घटता ऑक्सीजन

डॉनल्ड ट्रंप की मेडिकल कंडीशन को ले कर अलग अलग तरह की रिपोर्टें सामने आ रही हैं. उनके डॉक्टर शॉन कॉनली का कहना है कि उन्हें डेक्सामेथाजोन नाम का स्टीरॉयड दिया गया है क्योंकि पिछले दिनों में दो बार उनके खून में ऑक्सीजन की मात्रा अचानक ही काफी गिर गई थी. डॉक्टर कॉनली के अनुसार इस दवा के दिए जाने के बाद से ट्रंप की हालत में सुधार आया है और सोमवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी मिल सकती है. ऐसे में ये सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि महज तीन दिन में ट्रंप कोरोना मुक्त कैसे हो सकते हैं.

कॉनली ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार को ट्रंप का ऑक्सीजन स्तर 94 पर पहुंच गया था. ऑक्सीजन का सामान्य स्तर 95 से 100 के बीच होता है. 90 से कम होने पर जान को खतरा हो सकता है. डॉक्टर कॉनली से जब यह पूछा गया कि क्या ट्रंप का ऑक्सीजन स्तर भी 90 के नीचे पहुंचा, तो उन्होंने सीधा जवाब ना देते हुए कहा कि मेडिकल रिकॉर्ड में ऐसा कुछ दर्ज नहीं है. ट्रंप के मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार फिलहाल उनका ऑक्सीजन स्तर 98 है.

USA | Trump grüßt Anhänger vor Militärkrankenhaus
राष्ट्रपति की गाड़ी में मौजूद हर व्यक्ति को 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाना होगा. तस्वीर: Alex Edelman/AFP/Getty Images

सवालों से बचती ट्रंप की टीम

व्हाइट हाउस में नियमित रूप से होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने ट्रंप की सेहत से जुड़े सवाल पूछे तो उनकी टीम उनसे बचती हुई दिखी. टीम ने कहा कि शुक्रवार को हालत इतनी बिगड़ गई कि ट्रंप को ऑक्सीजन देना पड़ा था. लेकिन क्या शनिवार को भी ऐसा करना पड़ा, इस बारे में उनके पास कोई जवाब नहीं था. ना ही वे यह बता पाए कि ऐसा किस वक्त हुआ और क्या इसका उनके फेफड़ों पर भी कोई असर हुआ.

ट्रंप की मेडिकल टीम के अनुसार उन्हें पहले लक्षण गुरुवार को दिखने शुरू हुए. अमूमन सातवें और दसवें दिन के बीच लक्षण सबसे ज्यादा होते हैं. लेकिन ट्रंप को पांचवें दिन ही अस्पताल से छुट्टी देने की बात कही जा रही है. इसके अलावा गुरुवार को ट्रंप अपने कैम्पेन के तहत कई लोगों से मिले. इसलिए ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या उनका स्टाफ जानता था कि वे दूसरों को संक्रमित करने जा रहे हैं.

कहां से मिला ट्रंप को कोरोना?

डॉनल्ड ट्रंप को संक्रमण कैसे हुआ इस बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी मौजूद नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि 26 सितंबर को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में उन्होंने जो इवेंट आयोजित किया था, उससे ऐसा हो सकता है. ट्रंप मास्क पहनने के खिलाफ रहे हैं और इस आयोजन में भी वे बिना मास्क के ही दिखे. यहां लोग एक दूसरे से हाथ मिलाते और गले मिलते भी देखे गए. इवेंट के बाद कई लोगों के संक्रमित होने की बात सामने आई. हालांकि ट्रंप का कोरोना टेस्ट इसके पांच दिन बाद पॉजिटिव आया. ऐसे में ये अटकलें भी लग रही हैं कि चुनावी माहौल में शायद लोगों की सहानुभूति पाने के लिए वे कोरोना का बहाना कर रहे हैं.

रिपोर्ट: ईशा भाटिया (एपी)

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