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कोविड: भारत में एक दिन में 90,000 मामले

६ जनवरी २०२२

भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड के 90,928 नए मामले सामने आए हैं, जो एक दिन पहले के मुकाबले 55 प्रतिशत ज्यादा हैं. कई शहरों में अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है.

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Indien - Coronavirus
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS

केंद्र सरकार ने कहा है कि लगभग पूरे देश में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि इसके लिए ओमिक्रॉन ही जिम्मेदार है. सरकार ने जोर दे कर कहा कि संक्रमण की रफ्तार दिखाने वाली "आर वैल्यू" दूसरी लहर से भी ऊपर पहुंच चुकी है.

भारत में 2021 में दूसरी लहर के दौरान "आर वैल्यू" 1.69 पर दर्ज की गई थी. इस समय वह 2.69 पर खड़ी है. लगभग सभी बड़े शहरों में संक्रमण के मामलों में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. मुंबई में बुधवार को 15,000 से भी ज्यादा नए मामले सामने आए, जो शहर के लिए मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत से लेकर अभी तक की अवधि में एक नया रिकॉर्ड है.

चिंताजनक स्थिति

दिल्ली में नए मामले एक दिन में लगभग दोगुना हो कर 10,665 पर पहुंच गए. कोलकाता, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरु जैसे शहरों में भी स्थिति चिंताजनक है. केंद्र और राज्य सरकारों अस्पताल तक पहुंचने वाले मामलों के आंकड़ों को देख कर थोड़ी राहत की सांस जरूर ले रही हैं लेकिन ये आंकड़े भी बदल रहे हैं.

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टीका लेने का इंतजार करते 15-18 वर्ष की उम्र के युवातस्वीर: Manish Swarup/AP/picture alliance

नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने एक समाचार वार्ता के दौरान कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की दर दिल्ली में 3.7 प्रतिशत के आस पास है और मुंबई में पांच प्रतिशत. उन्होंने बताया कि 2020 और 2021 में यह दर 20 प्रतिशत के आस पास थी.

लेकिन लगभग सभी बड़े शहरों में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. चेन्नई में इस आंकड़े में एक महीने में तीन गुना से भी ज्यादा उछाल आया है. मुंबई में पांच दिनों में अस्पताल में भर्ती 68 प्रतिशत बढ़ी है, पुणे में दो हफ्तों में 10 प्रतिशत और अहमदाबाद में 12 दिनों में 10 गुना बढ़ी.

दिल्ली में 15 दिनों में कोविड बिस्तरों पर मरीजों की संख्या 2.5 गुना बढ़ गई. हालांकि राज्य सरकारों ने अभी तक कोई पैनिक बटन नहीं दबाया है. कई राज्यों में पॉजिटिविटी दर पांच प्रतिशत के चिंताजनक स्तर के ऊपर है लेकिन किसी भी राज्य में पूर्ण तालाबंदी जैसा कोई कदम उठाया नहीं गया है.

कई राज्यों में रात का कर्फ्यू और वीकएंड कर्फ्यू लगा दिए गए हैं. देखना होगा कि आने वाले दिनों में नए मामलों की दर, अस्पताल भर्ती की दर, ऑक्सीजन की जरूरत की दर और मृत्यु दर में कोई उछाल आता है या नहीं.

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