जीत के बाद बाइडेन ने विश्व के नेताओं से बात की
११ नवम्बर २०२०ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने जो बाइडेन और कमला हैरिस को अमेरिकी चुनाव में जीत पर बधाई दी है. जर्मन चांसलर के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि मैर्केल ने बाइडेन और कमला हैरिस को जीत पर फोन कर बधाई दी है. मैर्केल के प्रवक्ता स्टेफन साइबर्ट ने बताया कि दोनों नेताओं ने ट्रांसएटलांटिक साझेदारी के महत्व के बारे में बात की. साइबर्ट ने कहा फोन कॉल में मैर्केल ने, "एक करीबी और भरोसेमंद सहयोग की इच्छा व्यक्त की." उन्होंने आगे बताया, "चांसलर और नव निर्वाचित राष्ट्रपति ने वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए यह माना कि ट्रांसएटलांटिक सहयोग का बहुत महत्व है."
वैश्विक नेताओं से बातचीत के बाद बाइडेन ने अपने गृह राज्य डेलावेयर में पत्रकारों से कहा, "मैं उन्हें बता रहा हूं कि अमेरिका वापस आ गया है. हम खेल में वापस लौट रहे हैं."
मैर्केल ने सोमवार को ही बाइडेन को दिए शुभकामना संदेश में कहा था कि वे बाइडेन के साथ करीबी सहयोग करेंगी. बाइडेन को दिए शुभकामना संदेश में मैर्केल का स्वर राष्ट्रपति ट्रंप को 2016 में जीत पर दी बधाई से अलग था, तब उन्होंने ट्रंप से लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करने की बात कही थी.
कई यूरोपीय नेताओं ने भी इसी तरह की आशा व्यक्त की है कि ट्रंप शासन के दौरान जिस तरह के संबंध थे उसे दुरुस्त किया जा सकता है. ट्रंप के चार साल के शासन के दौरान यूरोप और जर्मनी के साथ अमेरिका के रिश्ते उतने बेहतर नहीं हो पाए जितने होने चाहिए थे.
बाइडेन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों और ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन से भी मंगलवार को बात की. हालांकि बाइडेन और जॉनसन के बीच रिश्तों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं क्योंकि जॉनसन के रिश्ते ट्रंप के साथ घनिष्ट हैं. हालांकि जॉनसन वैश्विक नेताओं में से सबसे पहले थे जिन्होंने बाइडेन को चुनाव में जीत पर बधाई दी थी.
माक्रों के कार्यालय के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा जलवायु, स्वास्थ्य और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए तैयार है. माक्रों ने कहा, "हमारे लिए साथ मिलकर काम करने के लिए कई प्राथमिकताएं हैं-जिनमें जलवायु, वैश्विक स्वास्थ्य, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और प्रभावी बहुपक्षीय कार्रवाई को बढ़ावा देना शामिल हैं."
अमेरिका के पेरिस समझौते से बाहर होने के फैसले को कई यूरोपीय नेताओं ने झटके के तौर पर लिया था और यही नहीं ट्रंप ने ईयू के कई उत्पादों पर कर भी लगाया था.
इस बीच अमेरिका के अटॉर्नी जनरल विलियम बार ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले मतदान में अनियमितताओं के आरोपों के मामले में जांच की मंजूरी दे दी है. ट्रंप चुनाव में धोखाधड़ी होने का दावा कर रहे हैं हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई सबूत नहीं पेश किए.
एए/सीके (रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)
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