क्षुद्रग्रह के नमूने से जापान के वैज्ञानिक 'अवाक'
१५ दिसम्बर २०२०हायाबूसा-2 ने पृथ्वी से करीब 30 करोड़ किलोमीटर दूर यात्रा करने के बाद रयूगू क्षुद्रग्रह से धूल के नमूने और प्राचीन सामग्री जमा की. इसके बाद यान छह साल के मिशन को पूरा करने के बाद धरती की तरफ लौटा. हायाबूसा-2 ने इसी महीने एक कैप्सूल को धरती पर गिराया जो नमूने से भरा हुआ था. धरती के वायुमंडल में दाखिल होने के बाद यह एक आग के गोले की तरह बन गया और ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान में गिरा.
जापान स्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए) के वैज्ञानिकों ने मंगलवार को कैप्सूल के भीतर वाले कंटेनर से पेंच हटाया तो वे हैरान रह गए. कंटेनर के बाहरी हिस्से में भी क्षुद्रग्रह की धूल थी. जेएएक्सए के वैज्ञानिक हीरोताका सवादा के मुताबिक, "जब हमने वास्तव में इसे खोला था, तो मैं अवाक था. यह हमारी अपेक्षा से अधिक था और इतना कुछ था कि मैं वास्तव में प्रभावित हो गया." सवादा कहते हैं, "यह पाउडर जैसे महीन कण नहीं थे लेकिन बहुत सारे नमूने थे जो कई मिलीमीटर में मापे गए."
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह नमूने ब्रह्मांड के निर्माण पर प्रकाश डालेंगे और शायद पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई इसके बारे में भी सुराग दे सकेंगे. वैज्ञानिकों ने अब तक यह नहीं बताया है कि कैप्सूल के अंदर सामग्री कितने ग्राम या मिलीग्राम है. हायाबूसा-2 प्रोजेक्ट के वैज्ञानिक और नागोया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर सिइचिरो वतनबे कहते हैं, "बहुत सारे नमूने हैं और ऐसा लगता है कि उनमें बहुत सारे ऑर्गेनिक पदार्थ हैं" वे कहते हैं, "तो मुझे उम्मीद है कि हम रयूगू के मूल सतह पर ऑर्गेनिक पदार्थ कैसे विकसित हुए हैं, इसके बारे में कई बातें पता कर सकते हैं."
हायाबूसा-2 के आधे सैंपल जेएएक्सए, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और दूसरी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के बीच साझा किए जाएंगे. बाकी बचे सैंपल को भविष्य के अध्ययन के लिए रख लिया जाएगा. हायाबूसा-2 का काम अभी खत्म नहीं हुआ है और अब यह दो नए क्षुद्रग्रहों तक पहुंचने की अगली यात्रा पर रवाना होगा.
एए/ओएसजे (एएफपी)
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