"16 की उम्र में शादी करें लड़कियां"
२१ नवम्बर २०१०1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से देश में बच्चों की जन्म दर में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी. इसके चलते देश की जनसंख्या में काफी वृद्धि हुई. फिर 1990 के दशक में ईरान ने एक परिवार नियोजन कार्यक्रम लागू किया. इस कार्यक्रम की दुनियाभर में तारीफ हुई थी. लेकिन रविवार को ईरान के स्थानीय अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक राष्ट्रपति अहमदीनेजाद ने इस कार्यक्रम की आलोचना की है.
अखबारों ने कहा है कि अहमदीनेजाद ने इस कार्यक्रम को खुदा की मर्जी के खिलाफ और पश्चिम से आयात किया हुआ बताया. उन्होंने लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ने की भी आलोचना की. सरकारी अखबार जाम ए जाम ने अहमदीनेजाद के हवाले से लिखा है, "हमें लड़कों की शादी की उम्र 20 साल करनी चाहिए और लड़कियों की 16-17 साल. अब लड़के 26 साल की उम्र में शादियां कर रहे हैं और लड़कियां 24 की उम्र में. इसकी कोई वजह नहीं है."
2005 में सत्ता में आने के बाद से अहमदीनेजाद ने हमेशा देशवासियों को जनसंख्या बढ़ाने के लिए कहा है. फिलहाल मुल्क में साढ़े सात करोड़ लोग रहते हैं. इनका एक तिहाई हिस्सा 15 से 30 साल के बीच के लोगों का है.
जुलाई में ईरानी राष्ट्रपति ने एक नई नीति बनाई थी जो जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देती है. इसके तहत हर नए बच्चे के जन्म पर माता पिता को आर्थिक लाभ दिया जाता है. अहमदीनेजाद कह चुके हैं कि उनका देश 15 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी उठाने के काबिल है.
हालांकि आलोचक मानते हैं कि अहमदीनेजाद की यह नीति सिर्फ बेरोजगारी बढ़ाएगी जो अब भी 9 फीसदी पहुंच चुकी है. एक अनुमान के मुताबिक इस वक्त देश में 30 लाख नौजवान बेरोजगार हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन