अहमदीनेजाद को सता रहा है अमेरिकी हमले का डर
२८ जुलाई २०१०एक टीवी चैनल पर प्रसारित होने वाले इंटरव्यू में अहमदीनेजाद ने कहा, "अमेरिका ने अगले तीन महीनों में मध्य पूर्व क्षेत्र में कम से कम दो देशों पर हमला करने का फैसला किया है." अहमदीनेजाद के मुताबिक ईरान के पास पुख्ता जानकारी है कि अमेरिका ने अपनी योजना तैयार कर ली है. इस योजना के तहत कथित रूप से ईरान के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ा जाएगा.
अहमदीनेजाद ने ईरान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की कोशिशों की भी कड़ी आलोचना की है. अहमदीनेजाद ने स्पष्ट कर दिया कि प्रतिबंध लगा कर ईरान को बातचीत के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. लेकिन अहमदीनेजाद ने यह नहीं बताया कि जिन दो देशों पर हमला होने की आशंका वह जता रहे हैं उनमें क्या ईरान भी शामिल है. अहमदीनेजाद ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि उन्हें यह खुफिया जानकारी किस माध्यम से मिली.
अमेरिका और इस्राएल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का विकल्प खुला रखा है क्योंकि उन्हें डर है कि ईरान परमाणु बम बनाने के रास्ते पर है. इस्राएल परमाणु हथियार संपन्न होने से न तो इनकार करता है और न ही उसकी पुष्टि करता है. लेकिन उसने ऐहतियाती तौर पर अपनी सुरक्षा के लिए कई बार संदिग्ध परमाणु निशानों पर वार किया है. 1981 में इस्राएल ने इराक के परमाणु रिएक्टर को नष्ट कर दिया था जबकि 2007 में उसने सीरिया में एक साइट पर हमला किया.
इस्राएल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपनी अपील में कह चुके हैं कि अगर ईरान अपने पास परमाणु हथियार जुटा लेता है तो वह सबसे बड़ा आतंकवादी खतरा होगा. उनके सहयोगी मोशे यालोन चेतावनी दे चुके हैं कि इस्राएल ने अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा किया है और इसे गजा, लेबनान, सीरिया और ईरान में दुश्मनों के खिलाफ इस्तेमाल में लाया जा सकता है.
अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देश मानते हैं कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम की आड़ में परमाणु हथियारों का विकास कर रहा है जबकि ईरान का दावा है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए ही है. इसी मुद्दे पर दोनों पक्षों में तनातनी बरकरार है और ईरान पर कड़ी पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं. सोमवार को यूरोपीय संघ ने ईरान पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए जिसके तहत तेल और गैस के क्षेत्र में निवेश पर पाबंदी लगा दी गई है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह