रूस से नाराजगी जताएंगी मैर्केल
१६ नवम्बर २०१२जर्मनी की संसद ने मैर्केल से कहा है कि वह इस मुद्दे को उठाएं कि मई में जब से पुतिन राष्ट्रपति बने हैं, तब से वहां मानवाधिकार को लेकर समस्याएं बढ़ रही हैं. पहले भी दो बार राष्ट्रपति रह चुके पुतिन अब तीसरी बार छह साल के लिए राष्ट्रपति चुने गए हैं.
पुतिन के प्रवक्ता ने गुरुवार को ही इस बात को साफ कर दिया है कि जर्मनी में रूस के खिलाफ बातें ज्यादा होने लगी हैं. उनका कहना है कि अगर मैर्केल ने राष्ट्रपति पुतिन को "मानवाधिकार पर लेक्चर" दिया, तो पुतिन अपना पक्ष साफ कर देंगे. हालांकि जर्मन संसद इस बात पर अड़ी है कि सरकार को इस बात को उठाना चाहिए. जर्मनी के एक अधिकारी का कहना है, "अगर मानवाधिकार को लेकर ज्यादा सीमाएं तय की जा रही हैं, तो निश्चित तौर पर चांसलर इस बारे में बात करेंगी."
जर्मन सांसद और रूस के साथ देश के रिश्तों को देख रहे दूत आंद्रियास शोकेनहोफ का कहना है कि रूस में इस वक्त डर का माहौल है, "रूस में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है, जो अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी को बर्दाश्त नहीं करेंगे."
पुतिन ने हालांकि मार्च में दो तिहाई बहुमत से राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया था उन्हें सबसे ज्यादा विरोध का सामना इसी दौरान करना पड़ा है. वह पहली बार 2000 में राष्ट्रपति बने थे. पश्चिमी देशों ने भी पुतिन प्रशासन की निंदा की है, जिसने हाल ही में पूसी रायट नाम के म्यूजिक ग्रुप की सदस्यों को जेल में भेज दिया है. इस ग्रुप ने एक चर्च में पुतिन के खिलाफ गाना गाया और बाद में जर्मन शहर विटेनबर्ग ने इस ग्रुप को अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़ा पुरस्कार दिया. इस मुद्दे पर भी रूस ने तेवर कड़े किए थे.
राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि मैर्केल अपने दौरे में मानवाधिकार का मुद्दा उठाने वाली हैं, "हमेशा की तरह राष्ट्रपति विस्तार से अपनी बात बताएंगे और खुद अपने सवाल भी पूछेंगे."
पुतिन धड़ल्ले से जर्मन भाषा बोलते हैं और वह जर्मन शहर ड्रेसडेन में पांच साल तक रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी के सदस्य रह चुके हैं. जर्मनी के पूर्व चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर और पुतिन के बीच बेहद अच्छे संबंध थे. मैर्केल के साथ उनके संबंध उतने गहरे तो नहीं लेकिन फिर भी दोनों देशों के बीच अच्छा कारोबार चल रहा है.
हालांकि पेसकोव का कहना है कि दोनों देशों के बीच कारोबार और अच्छा हो सकता है, "हमारे बीच 87 अरब डॉलर का व्यापार होता है. इस मजबूत बुनियाद के साथ हम अच्छी तरह बंधे हैं."
इस बार के मैर्केल दौरे में रूस उस सौदे पर हस्ताक्षर करने वाला है, जिसके तहत रशियन रेल जर्मनी की सीमेंस कंपनी में बने 700 रेल के डिब्बे खरीदेगी. यह सौदा करीब 2.5 अरब डॉलर का होगा. जर्मनी अपनी जरूरत का 40 फीसदी गैस और 30 फीसदी तेल रूस से पाता है.
एजेए/एएम (रॉयटर्स)