बुश पर आतंकी हमले की साजिश, छात्र गिरफ्तार
२५ फ़रवरी २०११एफबीआई ने आरोप लगाया है कि टेक्सस में रहने वाले खालिद अली एम अलदावसारी व्यापक नरसंहार के हथियारों का इस्तेमाल करने की कोशिश में था. आरोपों के मुताबिक अलदावसारी ने इंटरनेट पर इस बात की रिसर्च की कि अलग अलग रसायनों के इस्तेमाल से विस्फोटक कैसे बनाए जाते हैं.
गुरुवार को जांच एजेंसी ने अपने आरोप पेश किए. इनमें कहा गया कि अलदावसारी ने अमेरिका में संभावित निशानों पर हमला करने के लिए रिसर्च की थी. इनमें बांध, परमाणु बिजली संयंत्र और पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश का डलास का घर भी शामिल है. अलदावसारी ने विस्फोटक बनाने के लिए काफी सामग्री जुटा ली थी.
कई साल पुरानी योजना
अलदावसारी 2008 में छात्र वीजा पर अमेरिका आया था. वह टेक्सस में लूबोक के पास साउथ प्लेन्स कॉलेज में पढ़ रहा था. अगर उस पर लगे आरोप सही साबित होते हैं तो उसे उम्र कैद और ढाई लाख अमेरिकी डॉलर के जुर्माने की सजा हो सकती है.
एफबीआई ने सबूतों के तौर पर उसके भेजे ईमेल भी पेश किए हैं. इनमें से खुद को भेजे एक ईमेल का सब्जेक्ट टारगेट्स यानी निशाने था. इस ईमेल में तीन अमेरिकी नागरिकों के नाम और पते लिखे हैं. ये तीनों नागरिक अमेरिकी सेना में काम कर चुके हैं और इराक के अबु गरीब जेल में भी तैनात रहे हैं.
एक अन्य ईमेल का शीर्षक नाइस टारगेट्स 01 है. आरोप है कि अलदावसारी ने खुद को भेजे इस ईमेल में कॉलराडो और कैलिफॉर्निया में 12 बाधों का जिक्र किया है. टायरैन्ट्स हाउस यानी अत्याचारी का घर नाम के ईमेल में जॉर्ज डब्ल्यू बुश के घर का पता लिखा है.
अलदावसारी के घर की तलाशी में एफबीआई को एक नोटबुक मिली जिससे पता चला कि वह कई साल से अमेरिका में आतंकवादी हमलों की योजना बना रहा है. जांच एजेंसी के मुताबिक इस डायरी के मुताबिक अलदावसारी ने खास स्कॉलरशिप पाने के लिए मेहनत की ताकि वह सीधे अमेरिका आ सके और उसे यहां रहने का खर्च मिल सके. डायरी में लिखा है, "यह स्कॉलरशिपर मुझे जिहाद के लिए जरूरी चीजें उपलब्ध कराने में काफी मदद करेगी."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार