पोटिंग को सलाह, सचिन से सीखें
२९ सितम्बर २०१०एक समय ऑस्ट्रेलियाई की कमान अपने कंधों पर संभालने वाले मार्क टेलर का कहना है युवा खिलाड़ियों से भरी टीम का नेतृत्व करने का भार पोंटिंग के कंधों पर है और इसीलिए उनका खेल प्रभावित हो रहा है. ऑस्ट्रेलियाई अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से बात करते हुए टेलर ने कहा कि पोंटिंग को सचिन से सबक लेना चाहिए. "मुझे लगता है कि सचिन तेंदुलकर का फिर से जन्म हुआ है. वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं और पोंटिंग के लिए यह प्रेरणादायी हो सकता है."
हालांकि टेलर भी मानते हैं कि सचिन तेंदुलकर के शतकों का रिकॉर्ड पीछे छोड़ना अब पोंटिंग के लिए मुश्किल दिखाई देता है क्योंकि तेंदुलकर इस अंतर को बढ़ाते जा रहे हैं. मार्क टेलर के मुताबिक पोंटिंग का खेल अब बेहतर नहीं हो पा रहा है. इसके बावजूद उनमें मैच जिताने लायक पारी खेलने की क्षमता है.
"पोंटिंग का खेल निखर नहीं पा रहा है. उनकी बल्लेबाजी में पुरानी रंगत नजर नहीं आती. पर वह एक शानदार बल्लेबाज हैं. ईमानदारी से कहूं तो पोंटिंग का सर्वश्रेष्ठ समय जा चुका है. फिर भी बड़ी पारियों को खेलने का माद्दा उनमें है."
पोंटिंग के खेल में ठहराव की एक बड़ी वजह युवा खिलाड़ियों के साथ ऑस्ट्रेलियाई टीम को फिर से खड़ा करने की जिम्मेदारी भी है. टेलर ने बताया, "पोंटिंग को ऑस्ट्रेलियाई टीम फिर से बनानी है. मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई टीम उन्हीं की है. एडम गिलक्रिस्ट, ग्लेन मैकग्रा, शेन वॉर्न, मैथ्यू हेडन जैसे धुरंधर जा चुके हैं. अब यह काफी युवा टीम है."
टेलर का कहना है कि पोंटिंग का ध्यान अपने लिए निजी रिकॉर्ड कायम करने से हट गया है और इस वजह से वह सचिन को भाग्यशाली मानते हैं. "सचिन को कप्तानी की चिंता नहीं करनी है और शायद यही कारण है कि वह शतक पर शतक जड़ते जा रहे हैं." टेलर सलाह देने के अंदाज में कहते हैं कि अगर ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट जगत के बड़े टूर्नामेंट अपने नाम करने हैं तो फिर पोंटिंग को बढ़िया खेलना ही होगा. पिछले दो साल में वह जैसा खेले हैं उससे कहीं अच्छा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल