पाक ने ऑपरेशन लादेन की निंदा की
१४ मई २०११पाक संसद ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि अगर आइंदा इस तरह के हमले होते हैं तो अफगानिस्तान में अमेरिका को मदद देना पाक के लिए संभव नहीं होगा.
ऐसा नहीं चलेगा
2 मई को एबटाबाद में अमेरिकी सेना की टुकड़ी की कार्रवाई में बिन लादेन के मारे जाने की देश में काफी कड़ी प्रतिक्रिया हुई है. कुछ लोगों ने इसे देश की संप्रभुता पर हमला बताया है. संसद में पारित प्रस्ताव में कहा गया, "संसद एबटाबाद में एकतरफा कार्रवाई की निंदा करती है. यह कार्रवाई पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन है."
पाकिस्तान ने इन बातों को भी खारिज कर दिया है कि बिन लादेन की देश में मौजूदगी का उसे पता था. अमेरिका ने सीधे सीधे यह आरोप नहीं लगाया है कि पाकिस्तान ने लादेन को छिपाकर रखा लेकिन उसने कहा है कि अल कायदा प्रमुख को देश में कुछ मदद मिली होगी, जिसका पता लगाया जाना चाहिए.
बिन लादेन के पाकिस्तान में पाए जाने के बाद से देश की खुफिया एजेंसियों पर भी सवाल उठ रहे हैं. इन आरोपों के बाद आईएसाई प्रमुख शुजा पाशा ने इस्तीफा देने का एलान किया है. ऐसी खबरें हैं कि प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया है.
ड्रोन हमलों पर नाराजगी
पाक संसद को सबसे ज्यादा नाराजगी अमेरिका की एकतरफा कार्रवाई से है. संसद में कहा गया कि एबटाबाद जैसी कार्रवाई और ड्रोन हमलों को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. एक सांसद ने कहा कि अगर ऐसे हमले बंद नहीं होते तो सरकार को अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज के लिए जाने वाली सप्लाई बंद करने के बारे में सोचना चाहिए.
संसद में इस बहस से कुछ ही घंटे पहले उत्तरी वजीरिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमला हुआ था जिसमें पांच आतंकवादी मारे गए थे. बिन लादेन के मारे जाने के बाद से यह चौथा ड्रोन हमला है.
पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका पर विश्वास में दरार आ गई है. ऐसे संकेत पाक अधिकारियों के बयानों में ही नहीं कामों में भी नजर आ रहे हैं. पाकिस्तान की जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल खालिद शमीम वायने को 22 मई से अमेरिका की पांच दिन की यात्रा पर जाना था लेकिन अब यह दौरा रद्द कर दिया गया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन