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तेलंगाना की मांग, आंध्र प्रदेश में बंद

५ जुलाई २०११

आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य की मांग ने फिर जोर पकड़ा. राज्य में दो दिन के बंद का आह्वान किया गया है. स्कूल, कॉलेज बंद हैं, सड़कों पर बसें नहीं हैं. रेल रोको आंदोलन और राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम करने की योजना.

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तस्वीर: AP

तेलंगाना क्षेत्र में स्कूल, कॉलेज, दुकान और अन्य व्यवासायिक प्रतिष्ठान बंद हैं और सार्वजनिक परिवहन सेवा पर भी असर पड़ा है. अलग तेलंगाना राज्य की गठन की मांग के लिए बनी तेलंगाना ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने आंदोलन के समर्थन में बंद के अलावा कई और कदम उठाने की बात कही है. आठ और नौ जुलाई को राज्य में रेल रोको आंदोलन शुरू करने की योजना है.

आंध्र प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने एहतियात के तौर पर कई स्थानों पर अपनी सेवाएं ठप कर दी हैं जिसके चलते आम यात्रियों को आने जाने में दिक्कत पेश आ रही है. रिपोर्टों के मुताबिक ऑटो ड्राइवर इसका फायदा उठा रहे हैं. बंद समर्थकों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किए हैं और ट्रैफिक रोका गया है.

बंद में किसी तरह की हिंसा से बचने के लिए पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं.

Indien Sitzstreik Andhra
सांसदों के इस्तीफेतस्वीर: UNI

ज्वाइंट एक्शन कमेटी की योजना राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवरोध खड़े कर उन्हें जाम कर देने की है. आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला तेज किया जाएगा. विरोध प्रदर्शनों का केंद्र रही उस्मानिया यूनिवर्सिटी के आस पास सुरक्षा घेरा मजबूत कर दिया है. पिछले सालों में तेलंगाना की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी में छात्रों ने बड़े प्रदर्शन किए. मंगलवार और बुधवार को बंद के बाद भी मुख्यमंत्री किरण रेड्डी के लिए सिरदर्द खत्म नहीं होगा क्योंकि शुक्रवार और शनिवार को रेल रोको आंदोलन शुरू करने की योजना है.

के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी ने केंद्र सरकार को चेतावनी दे दी है. उन्होंने संसद सदस्यता से अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर को फैक्स कर दिया है. इससे पहले सोमवार को कांग्रेस के 11 सांसदों, कांग्रेस के 43 विधायक और तेलगुदेशम पार्टी के कम से कम 28 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए. तेलंगाना क्षेत्र के कई मंत्रियों ने भी राज्य सरकार से इस्तीफे दिए हैं जिससे कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं.

विरोध प्रदर्शन और अनशन के चलते 2009 में कांग्रेस ने तेलंगाना के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही लेकिन फिर आंध्र प्रदेश में विरोध के चलते मामला रूक गया. इसके बाद श्रीकृष्ण आयोग का गठन किया गया जिन्होंने केंद्र सरकार को कई विकल्प सुझाए लेकिन तब से सरकार उन पर विचार करने का ही भरोसा दिला रही है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह

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