1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

डोपिंग में फंसने पर भी रूसी एथलीट मुकाबले में हिस्सा लेगी

१४ फ़रवरी २०२२

रूस की कामिला वालिएवा को वीमेंस फीगर स्केटिंग मुकाबले में हिस्सा लेने की मंजूरी मिल गई है, हालांकि प्री गेम ड्रग टेस्ट में वो फेल हो गईं थी. कामिला वालिएवा इस मुकाबले में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं.

https://p.dw.com/p/46zzm
कामिला वालिएवा बीजिग में
अभ्यास में हिस्सा लेतीं कामिला वालिएवातस्वीर: ANNE-CHRISTINE POUJOULAT/AFP

बीजिंग में विंटर ओलिंपिक के इस मुकाबले का नतीजा चाहे जो हो लेकिन वालिएवा अगर पहले तीन स्थानों में रहीं तो मुकाबले के तुरंत बाद मेडल सेरेमनी भी नहीं होगी. कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी सीएएस ने सोमवार सुबह जल्दबाजी में की गई सुनवाई के बाद 12 घंटे से भी कम समय में वालिएवा को मुकाबले में उतरने की मंजूरी दे दी. जजों के पैनल ने कहा कि 15 साल की वालिएवा अपने पसंदीदा मुकाबले में उतर सकते हैं और पूरी जांच के नतीजे आने से पहले उन्हें निलंबित करने की कोई जरूरत नहीं है.

कोर्ट ने यह दयापूर्ण फैसला उनकी उम्र को देखते हुए किया है. बालिग नहीं होने के कारण वो ओलिंपिंक की भाषा में "संरक्षित व्यक्ति" हैं, अगर वालिएवा बालिग होतीं तो उनके लिए भी वही नियम होते जो दूसरे खिलाड़ियों के लिए हैं. सीएएस के महानिदेशक माथियू रीब का कहना है, "पैनल ने विचार किया है कि एथलीट को मुकाबले में हिस्सा लेने से रोकना इस परिस्थिति में उनके लिए ऐसा नुकसान होगा जिसकी भरपाई नहीं की जा सकेगी."

और पढ़ें: एक एथलीट का भयावह अनुभव

बालिग नहीं होने का फायदा

वालियेवा जैसे 16 साल से कम उम्र के एथलीटों के लिए डोपिंग के नियमों के तहत ज्यादा अधिकार हैं और उन्हें प्रतिबंधित दवाएं लेने के लिए जिम्मेदार नहीं माना जाता. इस मामले में होने वाली जांच में उनके कोच, डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट पर ध्यान रहेगा. फैसले में सिर्फ इस बात की मंजूरी दी गई है कि वो मामला हल होने तक स्केटिंग करती रह सकती हैं. जो गोल्ड उन्होंने पहले जीत लिया है, उसका क्या होगा, यह अभी तय होना बाकी है. इस तरह के मामले रूसी एंटी डोपिंग एजेंसी की जांच से हल होंगे. वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी के पास रूसी एजेंसी के फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार होगा. एजेंसी का यह भी कहना है कि वह वालिएवा के मामले की स्वतंत्र जांच भी करना चाहती है.

बीजिंग ओलिंपिक में कामिला वालिएवा
15 साल की कामिला वालिएवा डोपिग में फंस गई हैं.तस्वीर: TOBY MELVILLE/REUTERS

अब वालिएवा और उनकी साथी रूसी स्केटर ओलिंपिक के वीमेंस फीगर स्केटिंग में रूस की ऐतिहासिक जीत का लक्ष्य सोच सकती हैं. यह मुकाबला मंगलवार को शॉर्ट प्रोग्राम के साथ शुरू होगा और गुरुवार को फ्री स्केट के साथ खत्म होगा.

अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) ने सोमवार को कहा कि अगर वालिएवा शीर्ष तीन में आती हैं तो गेम के दौरान मेडल सेरेमनी नहीं होगी. जिन टीम स्पर्धाओं में वालिएवा और रूसी टीम ने जीत हासिल की है उनके लिए भी मेडल सेरेमनी नहीं होगी. आईओसी का कहना है, "मेडल सेरेमनी कराना उचित नहीं होगा."

वालिएवा ने ओलंपिक में किसी महिला का पहला क्वाड्रापल जंप लगाया और रूसी टीम ने दमदार प्रदर्शन से स्वर्ण पदक जीता. मेडल नहीं देने के फैसले का असर नाथन चेन समेत दूसरे नंबर पर आई अमेरिकी टीम पर भी होगा. ये लोग यह जाने बगैर ही बीजिंग से रवाना हो जाएंगे कि उन्होंने स्वर्ण पदक जीता या फिर रजत. अगर वालियेवा और रूस अयोग्य ठहरा दिए जाते हैं तो जापान ऊपर चढ़ कर रजत और कनाडा कांस्य पदक का दावेदार होगा.

अमेरिका की ओलिंपिक और पैलिंपिक कमेटी ने मौजूदा स्थिति पर निराशा जताई है लेकिन कहा है, "हम आईओसी की नीयत का सम्मान करते हैं जो सही मेडल सही लोगों को देना चाहती है."

रिंक में लौटीं वालिएवा

सीएएस के फैसले के तुरंत बाद ही वालिएवा ने अभ्यास में हिस्सा लिया और बिना गिरे अपना प्रोग्राम पूरा किया. वहां मौजूद रूसी मीडिया ने उनके लिए जम कर तालियां बजाईं. इस युवा स्केटर के लिए दुनिया भर में प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कोई उनकी तारीफ कर रहा है तो कोई रूसी डोपिंग की आलोचना, जिसने एक खेल आयोजन पर ग्रहण लगा दिया है.

सीएएस ने अपने फैसले में उनकी उम्र के साथ ही निष्पक्षता के बुनियादी उसूल का हवाला दिया है. सच्चाई यह है कि बीजिंग में हुए डोपिंग टेस्ट में वो पास हो गईं. इसके साथ ही उनके पॉजिटिव टेस्ट की बात देर से सामने लाने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. वालिएवा को दिल की दवा ट्राइेमेटाजिडिन के लिए दिसंबर 25 को पॉजिटिव पाया गया.

और पढ़ेंः डोपिंग मामले में रूस पर लगा चार साल का प्रतिबंध

यह टेस्ट रूसी नेशनल गेम के लिए हुए था. हालांकि स्वीडिश लैब से इसके नतीजे पिछले हफ्ते ही सामने आए जब वालिएवा के साथ रूसी ओलिंपिक टीम ने गोल्ड मेडल जीत लिया. स्वीडिश लैब के नतीजे छह हफ्ते तक नहीं आने के कारण साफ नहीं हैं. वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी का कहना है कि संभवतया रूसी एंटी डोपिंग एजेंसी ने स्टॉकहोम की लैब को यह नहीं बताया कि वालिएवा के सेंपल को जल्दी से देखा जाए क्योंकि ओलिंपिक के मुकाबले करीब हैं.

वालिएवा के मामले ने ओलिंपिक में पिछले मंगलवार से ही हड़कंप मचा दी है. टीम इवेंट के मेडल सेरमनी को इसी वजह से रोक दिया गया. रूसी एंटी डोपिंग एजेंसी ने तत्काल वालिएवा को निलंबित कर दिया हालांकि एक दिन बाद प्रतिबंध हटा लिया गया. आईओसी और दूसरे लोगों ने अपील की तब सीएएस ने आनन-फानन में रविवार रात सुनवाई की जिसमें वालिएवा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया.

एनआर/एके(एपी)