ग्बाग्बो उतरे नहीं, वतारा चढ़ने लगे
८ अप्रैल २०११संयुक्त राष्ट्र का समर्थन हासिल कर चुके अलासाने वतारा की फौज आबिदजान शहर में खूनी जंग लड़ रही है ताकि ग्बाग्बो को सत्ता से हटाया जा सके. इस वक्त तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है और ग्बाग्बो का जवाबी हमला भी कमजोर नहीं पड़ा है. लेकिन वतारा ने गुरुवार को देश को संबोधित किया. उनके इस भाषण को सत्ता पर पकड़ मजबूत बनाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है.
सामान्य हो जीवन
वतारा ने अपने भाषण में कई कदमों का एलान किया. इनमें सुरक्षा उपलब्ध कराने, मूलभूत जरूरतें पूरी करने, आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने और कर्मचारियों को वेतन देने जैसी बातें शामिल हैं. इनका मकसद पांच महीने से संकट से जूझ रहे आइवरी कोस्ट में जिंदगी को पटरी पर लाना है.
फ्रांस के टीवी चैनल एलसीआई पर दिखाए गए भाषण में वतारा ने कहा, "मैंने आबिदजान और सान पेड्रो की बंदरगाहों समेत कई सार्वजनिक संस्थाओं पर लगे यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों को हटाने की मांग की है. मैंने केंद्रीय बैंक से भी अपनी शाखाएं दोबारा खोलने को कहा है ताकि सभी बैंकों में कामकाज दोबारा शुरू हो सके." वतारा इस तरह की बातों के जरिए शक्तियां अपने कब्जे में कर लेने की कोशिश कर रहे हैं.
अड़े हैं ग्बाग्बो
लॉरां ग्बाग्बो इतनी आसानी से उनके लिए सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं हैं. नवंबर में हुए चुनाव में चुनाव आयोग ने वतारा को विजयी घोषित किया जबकि संवैधानिक परिषद ने ग्बाग्बो को. तब से ग्बाग्बो वतारा की जीत को खारिज करके सत्ता पर कब्जा जमाए हुए हैं. बुधवार को भी उन्होंने कहा कि वह पद नहीं छोड़ेंगे.
उन्हें हटाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य कोशिशें हो चुकी हैं लेकिन ग्बाग्बो ने इनका तगड़ा जवाब दिया है. वह कोकोडी में राष्ट्रपति भवन से ही वतारा की फौज के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. वतारा का कहना है कि ग्बाग्बो के महल को घेर लिया गया है ताकि नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया