1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ईरान में दो जर्मन गिरफ्तार, जासूसी के आरोप

१६ नवम्बर २०१०

ईरान में गिरफ्तार दो जर्मन पत्रकारों पर जासूसी के आरोप लगाए हैं. पर्यटक के तौर पर ईरान गए जर्मनों को पिछले महीने तब गिरफ्तार किया गया जब उन्होंने व्याभिचार के लिए मौत सजा पाने वाली महिला के बेटे से इंटरव्यू किया.

https://p.dw.com/p/QAXn
तस्वीर: Picture-Alliance /dpa

ईरान के सरकारी टीवी ने सोमवार को खबर दी कि दो जर्मन नागरिकों ने यह मान लिया है कि जर्मनी में रहने वाली एक महिला मीना अहादी के कहने पर वे सकीना मोहम्मदी अश्तियानी के बेटे और वकील से बात करने आए. सकीना को व्यभिचार के जुर्म में पत्थर मार कर मौत की सजा दी गई है.

अहादी ने मंगलवार को बताया कि दोनों जर्मन पत्रकारों को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था. हो सकता है कि दबाव डाल कर उन्हें अहादी पर आरोप लगाने के लिए तैयार किया गया हो. अहादी ने बताया कि इन दोनों पत्रकारों ने उनसे अस्तियानी के परिवार से संपर्क करवाने को कहा था.

ईरान सरकार ने पहले तो जर्मन नागरिकों पर रिपोर्टर के तौर पर गैर कानूनी रूप से काम करने का आरोप लगाया क्योंकि वे ईरान पर्यटक के तौर पर गए थे. लेकिन पूर्वी अजरबैजान प्रांत में न्यायपालिका के प्रमुख ने कहा कि उन पर जासूसी के आरोप भी लगाए गए है. फार्स समाचार एजेंसी ने मलिक आयदार शरीफी के हवाले से कहा, "दुष्प्रचार फैलाने ईरान आए जर्मन नागरिकों पर जासूसी के आरोपों को मंजूरी दे दी गई है." ईरान में जासूसी के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है जो मृत्यदंड तक हो सकती है.

इस मामले ने ईरान और पश्चिमी जगत के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है. खास कर ऐसे में जब राजनयिक आने वाले हफ्तों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रुकी पड़ी बातचीत को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ देशों का कहना है कि ईरान परमाणु बम बनाने की कोशिश कर रहा है जबकि ईरान इस आरोप से इनकार करता है.

अश्तियानी को पत्थर मार मौत की सजा दिए जाने का दुनिया भर में विरोध हुआ. यूरोपीय संघ ने इस बर्बर बताया, वहीं वैटिकन ने इस मामले में नरमी बरतने को कहा. ब्राजील ने अश्तियानी को अपने यहां शरण देने की पेशकश की. एक अमेरिकी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सितंबर में ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने इस बात से ही इनकार कर दिया कि अश्तियानी को पत्थर मार कर मौत की सजा दी गई. उन्होंने इसे ईरान को बदनाम करने के लिए पश्चिमी मीडिया की चाल बताया.

उधर शरीफी कहते हैं कि यह सजा दी गई. उनके मुताबिक, "सकीना मोहम्मदी को लेकर कई तरह की अफवाहें हैं और मीडिया में काफी दुष्प्रचार किया जा रहा है, लेकिन सच यह है कि उसे व्याभिचार के लिए पत्थर मार कर मौत की सजा दी गई है. सजा पर अमल में इसलिए देरी हो रही है क्योंकि यह बहुत बड़ी सजा है जो कानूनी प्रक्रिया से गुजर रही है. सजा पर अमल का आदेश अब तक नहीं दिया गया है."

ईरानी टीवी पर प्रसारित जर्मन नागरिकों के इंटरव्यू के मुताबिक जर्मनी में रहने वाली एक ईरानी कार्यकर्ता ने उनसे धोखा किया और उन्हें इंटरव्यू करने के लिए राजी किया. उधर जर्मन विदेश मंत्रालय ने इस खबर पर टिप्पणी करने से इनकार किया है कि दोनों पत्रकारों का संबंध एक जर्मन अखबार से है. प्रवक्ता ने सिर्फ इस बात की पुष्टि की कि हिरासत में लिए गए दोनों लोग जर्मन हैं लेकिन उनके काम और जाजूसी के आरोपों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ए कुमार

संपादन: महेश झा

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी