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आईपीएस अधिकारी भट्ट नहीं गए मोदी की बैठक में

२४ अप्रैल २०११

गुजरात के पूर्व पुलिस प्रमुख के चक्रवर्ती ने दावा किया है कि आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की बैठक में नहीं गए. इसके पहले भट्ट के ड्राइवर ने कहा कि वह इस बैठक में गए थे.

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नरेंद्र मोदीतस्वीर: UNI

गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख चक्रवर्ती ने यह बताने से इनकार कर दिया कि कौन इस बैठक में शामिल था और कौन नहीं. फिलहाल मुंबई में रहने वाले चक्रवर्ती ने कोई भी टिप्पणी देने से इनकार कर दिया है.

लेकिन भट्ट के सरकारी ड्राइवर ताराचंद यादव ने अपने बॉस के संस्करण की पुष्टि की. उन्होंने टीवी चैनल को बताया, "हम पहले पुलिस स्टेशन गए. इसके बाद सर(भट्ट) डीजी(चक्रवर्ती) की कार में बैठ कर मुख्यमंत्री निवास की ओर गए. हम 25 मिनट मुख्यमंत्री के घर पर थे फिर हम पुलिस थाने लौट गए. वह कार डीपीपी या एडिशनल डीजीपी की थी. जब सर(भट्ट) हमारी कार से उतरे और उस कार में बैठे, केडी पंत वहां फाइलें ले कर खड़े थे. सर ने उन्हें कुछ कहा जो मैं समझ नहीं पाया. इसलिए मैंने पंत जी से पूछा कि कहां जाना है. उन्होंने मुझे पीछे आने को कहा."

भट्ट ने बताया कि चूंकि खुफिया विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक जीसी रायगर उस दिन छुट्टी पर थे इसलिए पुलिस कंट्रोल रूम ने चक्रवर्ती के साथ जाने के लिए उन्हें बुलाया.

चक्रवर्ती की टिप्पणी के बारे में भट्ट ने कहा, "उन्होंने पहले भी इस बात से इनकार किया है. जो वह कह रहे हैं उसमें कुछ भी नया नहीं है. जहां तक मेरी बात है. मैंने वह सब कह दिया है जो मैं जानता था. अब आगे अदालत इस पर फैसला करेगी."

14 अप्रैल को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पेश किए गए हलफनामे में भट्ट ने कहा था कि वह इस बैठक में मौजूद थे. भट्ट ने दावा किया था कि मोदी ने कहा, इस बैठक में मुसलमानों को सबक सिखाना चाहिए ताकि गोधरा जैसी घटनाएं फिर नहीं हो.

बताया जाता है कि इसी बैठक में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 फरवरी 2002 को गोधरा ट्रेन जलने के बाद आला अधिकारियों से कहा कि वह हिंदुओं को अपना गुस्सा निकालने दें.

रिपोर्टः पीटीआई आभा एम

संपादनः एमजी

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