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आईएफएस चयन पर थरूर का सवाल

८ अक्टूबर २०१२

राजनयिक से राजनेता बने शशि थरूर ने विदेश सेवा की मौजूदा चयन प्रक्रिया को पूरी तरह से बदलने की मांग की है. उनका कहना है कि फिलहाल जो चयन प्रक्रिया है वह बेहतरीन प्रतिभाओं को विदेश सेवा तक नहीं ला पा रही है.

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तस्वीर: AP

भारत में विदेश सेवा के लिए अधिकारियों को केंद्रीय लोक सेवा आयोग की सम्मिलित परीक्षा के जरिये चुना जाता है. थरूर का कहना है, "विदेश सेवा के लिए अधिकारियों को केंद्रीय लोक सेवा आयोग की एक ही परीक्षा के आधार पर चुना जाता है. इसके जरिये हमारे पुलिस अधिकारी, जिलाधिकारी, कलेक्टर और कस्टम अधिकारियों को भी चुनते हैं." शशि थरूर के मुताबिक इस चयन प्रक्रिया में एक ही तरह की योग्यता वाले लोग चुने जाते हैं जबकि काम उन्हें अलग अलग तरह का करना होता है.

थरूर का तो यहां तक कहना है कि यूपीएससी राजनयिक नहीं नौकरशाह चुनती है. उनके मुताबिक, "ऐसे युवा लोगों की जरूरत है जो दुनिया के बारे में उत्सुक हों, जिनमें भाषा सीखने की प्रवृत्ति हो, जो विदेशी लोगों से खुल कर बात कर सकें." भारत के पूर्व विदेश राज्यमंत्री के मुताबिक, "फिलहाल जो लोग चुने जा रहे हैं, वे बिल्कुल ऐसे हों यह जरूरी नहीं है और ऐसा करने के लिए हमें अपना तरीका बदलना होगा." थरूर ने यह भी कहा कि विदेश सेवा में मौजूद कमी को पूरा करने के लिए मध्यम स्तर के लोगों और जानकारों को लाने की जरूरत है.

Der frühere Außenstaatssekretär und Autor Shashi Tharoor in Neu Delhi
तस्वीर: UNI

थरूर ने यह बातें वॉशिंगटन में इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस के एक कार्यक्रम के दौरान कही. यह कार्यक्रम उनकी हाल ही में छपी किताब पैक्स इंडिकाः इंडिया एंड द वर्ल्ड ऑफ ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी को जारी करने के लिए आयोजित किया गया था. शशि थरूर केरल के तिरुअनंतपुरम से कांग्रेस पार्टी के सांसद हैं.

उनका कहना है कि विदेश सेवा में जो लोगों की कमी है, उसे एकदम ज्यादा लोगों की भर्ती से पूरा नहीं किया जा सकता है. इससे समस्या खत्म नहीं होगी. थरूर की मांग है कि सीधे मध्यम स्तर पर लोगों को नियुक्त कर दिया जाए. यहां तक कि अधिकारियों को निजी क्षेत्र, यूनिवर्सिटी और थिंक टैंक से सीधे इन पदों पर बहाल कर दिया जाना चाहिए. थरूर ने इसे भी हास्यास्पद माना कि भारत जैसे विशाल देश में विदेश सेवा के अधिकारियों की संख्या सिंगापुर और न्यूजीलैंड जैसे देशों से भी कम है.

एनआर/एजेए (पीटीआई)

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