आइवरी कोस्ट में हिंसक हुआ सत्ता का संघर्ष
१ अप्रैल २०११वतारा की समर्थक सेना ने गुरुवार सुबह अबीजा शहर में प्रवेश किया और फौरन अपनी कार्रवाई शुरू कर दी. पिछले साल 28 नवंबर को राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए हैं, जिसके बाद से ग्बाग्बो सत्ता नहीं छोड़ रहे हैं. हालांकि संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षकों का भी कहना है कि वह चुनाव हार गए हैं.
देश में राष्ट्रपति चुनाव के बाद से ही गंभीर राजनीतिक संकट है. चुनाव के बाद पूर्व राष्ट्रपति ग्बाग्बो ने शपथ ले ली, जबकि नतीजों के मुताबिक वतारा ने जीत हासिल की. पश्चिमी देश वतारा को आइवरी कोस्ट का चुना हुआ राष्ट्रपति मान रहे हैं. चुनाव नतीजों के बाद वतारा ने भी राष्ट्रपति पद की शपथ ले रखी है. तकनीकी तौर पर आइवरी कोस्ट में इस वक्त दो राष्ट्रपति हैं.
ग्बाग्बो के घर पर हमले के बाद वतारा के प्रवक्ता ने बताया, "उनके घर पर हमला कर दिया गया है. यह पक्की बात है. उधर से प्रतिरोध हो रहा है लेकिन हमला जारी है." ग्बाग्बो खेमे की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
इस बीच अबीजा शहर में ग्बाग्बो और वतारा के समर्थकों के बीच खुलेआम लड़ाई चल पड़ी. शहर के व्यवासायिक केंद्र में दोनों तरफ से जबरदस्त गोलीबारी हुई. आइवरी कोस्ट कोकोआ उत्पादन के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है.
देश के नागरिकों का कहना है कि राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल पर अचानक प्रसारण बंद हो गया. इसके बाद इस पर वतारा और उनके समर्थकों की तस्वीरें दिखाई जाने लगीं. आची का कहना है, "आरटीआई (राष्ट्रीय टेलीविजन) पर कब्जा कर लिया गया है. अभी इसका प्रसारण बंद कर दिया गया है. यह पूरी तरह नियंत्रण में है."
उनका कहना है, "ग्बाग्बो ने हार नहीं मानी है. मुझे नहीं लगता कि वह हार मानेंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि भगवान उन्हें बचा लेंगे. वह अपने घर में हैं. मुझे इस बात का यकीन है. वह कहीं नहीं गए हैं."
इस हफ्ते की शुरुआत में वतारा की सेना ने कई दिशाओं से हमला करके कोकोआ पोर्ट और सैन पैड्रो जैसे इलाकों को बिना ज्यादा प्रतिरोध के नियंत्रण में ले लिया. लेकिन ग्बाग्बो की इलीट सेना ने गुरुवार को राष्ट्रपति निवास को घेर लिया. इस बीच विदेशी सैलानियों की सुरक्षा के लिए शहर में फ्रांसीसी सेना भी तैनात है. दोपहर में संयुक्त राष्ट्र के हेलीकॉप्टरों ने भी गश्त की.
चार महीनों की हिंसा में आइवरी कोस्ट में सैकड़ों लोगों की जान चली गई है और 2002-03 की याद ताजा हो गई है, जब देश को गृह युद्ध की स्थिति से गुजरना पड़ा. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि लगभग 10 लाख लोगों ने अबीजा शहर छोड़ दिया है, जबकि सवा लाख लोग पश्चिम में सीमा पार कर लाइबीरिया चले गए हैं.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह