अरुण शौरी से पूछताछ करेगी सीबीआई
१३ फ़रवरी २०११सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने पूर्व पत्रकार और बीजेपी नेता अरुण शौरी से संपर्क किया. जांच एजेंसी शौरी से टेलीकॉम नीति और उसके पालन के बारे में पूछताछ करना चाहती है. टेलीकॉम घोटाले में सीबीआई को अभी यह नहीं पता चल पाया है कि वाजपेयी सरकार की बनाई गई 'पहले आओ, पहले पाओ' की नीति के नियमों का पालन किया गया या नहीं. यह जानने की कोशिश की जा रही है कि नीतियां निर्धारित करने के पीछे किसी तरह की आपराधिक मंशा तो नहीं थी.
अरुण शौरी एनडीए सरकार में दूरसंचार मंत्री थे. इसके अलावा सीबीआई प्रमोद महाजन और दयानिधि मारन की बैठकों का भी ब्यौरा लेगी. ए राजा से पहले शौरी, मारन और महाजन ही दूरसंचार मंत्री थे. बीते साल सामने आए 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले के बाद सीबीआई 2001 से ही मामले की जांच कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया है कि वह 2001 से 2007 के बीच बांटे गए लाइसेंसों को अपनी जांच के दायरे में ले और रिपोर्ट दे.
अरुण शौरी ने भी सीबीआई के सामने पेशी के लिए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि कोलकाता से लौटने के बाद 21 फरवरी को वह सीबीआई के सामने पेश होंगे.
टेलीकॉम घोटाले को भारत का अब तक सबसे बड़ा घोटाला कहा जा रहा है. आरोपों के मुताबिक घोटाले के चलते सरकार को 176 अरब रुपये का नुकसान हुआ. घोटाले के दाग पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा पर लग रहे हैं. आरोप हैं कि राजा ने कुछ चुनिंदा टेलीकॉम कंपनियों के लिए नियम कायदों की धज्जियां उड़ाई और 2जी लाइसेंस कौड़ियों के भाव बेच दिए.
कहा यह भी जा रहा है कि कुछ बड़े पत्रकारों और लॉबीस्ट नीरा राडिया की सेंटिंग की मदद से ही राजा को टेलीकॉम मंत्री बनाया गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन