अमेरिका से कम नहीं होगी चीन की सैन्य ताकत
७ जनवरी २०११राष्ट्रवादी विचारों के लिए जाने जाने वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, "नए हथियार सच हैं या फिर नहीं, इससे अलग एक बात है कि आने वाले सालों में चीन के पास इतनी सैनिक ताकत होगी कि अमेरिका का सामना किया जा सकेगा.
अमेरिका, चीन को एक बड़ी ताकत के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. वे इस बात को स्वीकार नहीं कर सकते कि चीन के पास अत्याधुनिक साजोसामान हैं. वे उन्हीं शक्ति समीकरणों के आदी हो चुके हैं जिनके चलते अन्य देशों के साथ नाइंसाफी भरा बर्ताव किया गया."
चीन के साथ रक्षा मामलों में तनावपूर्ण रिश्तों में सहजता लाने के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स पांच दिन की बीजिंग यात्रा पर आ रहे हैं. ताइवान को सैन्य साजोसामान बेचे जाने के विरोध में
एक साल पहले चीन ने अमेरिका के साथ सैन्य रिश्ते तोड़ लिए थे. अमेरिकी रक्षा मंत्री चीन के साथ औपचारिक तौर पर सैन्य संपर्क को बहाल करेंगे. 2000 में तत्कालीन रक्षा मंत्री विलियम कोहेन के बाद यह पहली बार है जब अमेरिकी रक्षा मंत्री चीन की यात्रा कर रहे हैं.
पिछले हफ्ते जापान के एक अखबार को दिए इंटरव्यू में यूएस पैसिफिक कमांड के प्रमुख एडमिरल रॉबर्ट विलर्ड ने कहा कि चीन कैरियर किलर्स मिसाइलों का विकास कर रहा है. इसके जरिए वह अपना प्रभुत्व अपनी सीमाओं से दूरदराज के क्षेत्रों में करना चाहता है.
कैरियर किलर्स घातक गाइडेड मिसाइल होती हैं जो युद्धपोत को डुबोने में सक्षम हैं. युद्धपोत को ध्वस्त करने में सक्षम इन बैलिस्टिक मिसाइलों से पश्चिमी प्रशांत महासागर में अमेरिका के रणनीतिक प्रभुत्व को चुनौती मिलने के साथ साथ ताइवान को भी खतरा पैदा हो सकता है.
चीन रडार की पकड़ में न आने वाले लड़ाकू विमानों का भी विकास कर रहा है. अमेरिकी रक्षा विश्लेषक चेतावनी दे रहे हैं कि कैरियर किलर्स मिसाइलें डोंगफेंग-21 मिसाइलों का नया संस्करण हैं जो इतनी घातक होंगी कि अमेरिका के सबसे ताकतवर युद्धपोतों को भी भेद सकें. चीन के रक्षा मंत्री लियांग गुआंगली ने कहा है कि सेना के आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने में चीन की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से भी मदद मिल रही है.
वहीं आर्थिक मंदी के बाद के झटकों से उबर रहा अमेरिका अपने रक्षा बजट में कटौती कर रहा है. वित्तीय मुश्किलों का हवाला देते हुए अमेरिका ने अपने रक्षा बजट में 78 अरब डॉलर की कटौती की घोषणा की है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम