चीन का पहला लड़ाकू विमान सामने आया
५ जनवरी २०११चीन का जे-20 अमेरिकी एयरफोर्स के एफ-22 रैप्टर से बड़ा है. इस पर बड़ी मिसाइलों की तैनाती की जा सकती है. इसके अलावा हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है जिसके बाद ये गुआम तक उड़ान भर सकता है. हालांकि अमेरिकी एफ-22 की दूसरी तकनीकों को हासिल करने में इस विमान को अभी 10 से 15 साल और लगेंगे.
जे-20 को फिलहाल जमीन पर तेज रफ्तार से दौड़ा कर उसकी जांच की जा रही है. पिछले हफ्ते चेंगदू एयरक्राफ्ट डिजायन इस्टीट्यूट के एयरफील्ड में इस तरह के खूब परीक्षण हुए. रक्षा उद्योग से जुड़ी पत्रिका एवीएशन वीक ने इस विमान के बारे में लिखा है, "विमान का आकार ज्यादातर लोगों की उम्मीद से बड़ा है, इस बात के संकेत हैं कि यह लंबी दूरी और ज्यादा हथियार ले जाने में सक्षम होगा."
जापानी अखबार असाही ने इस विमान के बारे में लिखा है, "जे-20 के तैयार होने से इस बात की पुष्टि हो गई है कि चीनी सेना अपनी एयरफोर्स को आधुनिक बनाने की मुहिम में जुटी है, इस कदम से पूर्वी एशिया में रक्षा संतुलन पर असर पड़ सकता है."
चीनी विमान के बनने की खबर ऐसे वक्त में आई है जब कुछ ही दिनों बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स चीन के दौरे पर जाने वाले हैं. गेट्स जापान भी जाएंगे. चीन के पड़ोसी देश उसकी बढ़ती सैन्य ताकत से चिंतित हैं. चीन की बढ़ती ताकत को देख जापान दक्षिण कोरिया से अपने सैन्य संबंधों को आगे बढ़ाना चाहता है. जापान की सेना अमेरिकी एफ-22 विमान खरीदना चाहती है लेकिन फिलहाल इन विमानों को बनाने का काम बंद पड़ा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए कुमार