अमेरिका ने पूर्व नाजियों को दिया आश्रय
१५ नवम्बर २०१०600 पन्नों की रिपोर्ट में पिछले तीन दशकों के सबसे ज्यादा चौंका देने वाले करीब 20 मामले शामिल हैं. अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक मंत्रालय ने रिपोर्ट में अमेरिकी सरकार की 'अत्याचारियों के साथ साझेदारी' होने का दावा किया है. न्याय मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध रिपोर्ट में कई अंशों को हटा दिया है लेकिन न्यू यॉर्क टाइम्स का दावा है कि उसके पास पूरी रिपोर्ट मौजूद है.
ऑफिस ऑफ स्पेशल इन्वेस्टिगेशंस ओएसआई के जासूसों के हवाले से कहा गया है कि इनमें से कुछ नाजियों को अमेरिका में 'जानबूझकर प्रवेश करने की अनुमति दी गई'.
यह तब हुआ जब सरकारी अधिकारियों को उनके खौफनाक अतीत की जानकारी थी. रिपोर्ट में लिखा है, "अमेरिका, जो अपने आप को पीड़ितों को आश्रय देने वाले देश के रूप में गर्वान्वित महसूस करता था, वह एक तरह से अत्याचारियों के लिए भी आश्रय बन गया."
इससे पहले भी सरकारी रिपोर्टों और बुद्धिजीवियों ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की नाजियों के साथ साझेदारी की बात कही थी लेकिन इस रिपोर्ट में एक एक कर कुछ मामले भी पेश किए गए हैं. रिपोर्ट में लिखा है कि 1954 में सीआईए अधिकारियों ने ओटो फॉन बोल्श्विंग नाम के नाजी अधिकारी को शरण दी.
बोल्श्विंग नाजी अधिकारी आडोल्फ आइशमान का करीबी था. आइशमान ने यातना शिविरों में 'जर्मनी से यहूदियों को खत्म करने के लिए' शुरुआती योजनाए बनाई थीं. बोल्श्विंग ने कई वर्षों तक सीआईए के साथ काम किया और सीआईए के अधिकारियों के बीच यह बहस चलती रही कि अगर बोल्श्विंग के नाजी इतिहास के बारे में पता चल गया तो क्या होगा. 1972 में न्याय मंत्रालय को बोल्श्विंग के बारे में पता चल गया लेकिन बोल्श्विंग की मौत उसी साल हो गई.
रिपोर्ट में आर्थर रुडोल्फ नाम के नाजी अधिकारी का नाम भी लिया गया है. रुडोल्फ एक नाजी वैज्ञानिक था जो हथियारों के उत्पादन से जुड़ा हुआ था. 1954 में अमेरिकी रॉकेट तकनीक में मदद के लिए उसे अमेरिका लाया गया. ऑपरेशन पेपरक्लिप नाम की खुफिया कार्रवाई के तहत अमेरिकी अधिकारी नाजी जर्मनी के वैज्ञानिकों को अमेरिकी कार्यक्रमों के लिए नियुक्त करती थी.
रूडोल्फ को अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान नासा ने भी सम्मानित किया है और वह सैटर्न-5 रॉकेट के आविष्कारियों में से एक था. खुफिया जासूसों ने रुडॉल्फ को निर्वासित करने पर आपत्ति जताई और बाद में पता चला कि न्याय मंत्रालय कई ऐसी बातों को जानबूझकर छिपा रहा है. रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि 1997 में इस बात की पुष्टि हुई कि यहूदियों से जब्त किए गए सोने को स्विट्जरलैंड को बेच दिया गया था.
अब तक 300 से ज्यादा नाजी अत्याचारियों को अमेरिका से बाहर भेज दिया गया है या फिर उन्हें आने से पहले रोक दिया गया है. नाजी इतिहास पर खोज करने का विचार न्याय मंत्रालय के वकील मार्क रिचर्ड को आया और उन्होंने इस पर खोज शुरू की. 2006 में रिपोर्ट खत्म कर दी गई लेकिन न्याय मंत्रालय ने इसे सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया.
न्याय मंत्रालय के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद रिपोर्ट को प्रकाशित किया गया. हालांकि इसमें से 1000 से ज्यादा अंशों को आंतरिक मामले और निजता का हवाला देकर रिपोर्ट से हटा दिया गया है. न्यू यॉर्क टाइम्स ने इसका पूरा संस्करण होने का दावा किया है. 2009 में रिपोर्ट के छपने से पहले ही रिचर्ड की कैंसर से मौत हो गई थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः एस गौड़