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अफगानिस्तान चुनावों को लेकर चिंताएं

१६ सितम्बर २०१०

युद्ध से तबाह अफगानिस्तान में संसदीय चुनाव के लिए शनिवार को वोट डाले जाने हैं. चुनाव संबंधी तैयारियां पूरी हैं लेकिन माहौल में धांधली और भय की आशंका बरकरार है. बहिष्कार के बाद तालिबान ने एक और चेतावनी जारी की.

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तस्वीर: AP

शनिवार को अफगानिस्तान की 249 संसदीय सीटों के लिए मतदान होगा. करीब 2,500 उम्मीदवार मैदान में हैं. लेकिन चुनाव प्रक्रिया को लेकर अब भी कई तरह के संदेह जताए जा रहे हैं. देश के चुनाव आयोग ने खुद इस बात की आशंका जाहिर की है कि चुनाव में फिर हिंसा और विवाद हो सकता है.

इन चुनावों में वर्तमान राष्ट्रपति हामिद करजई और उनके सहयोगियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई. पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में भारी धांधली के मामले सामने आए थे. तब करजई और उनके सहयोगियों पर गड़बड़ी करने के आरोप लगे. लेकिन करजई अब भी लोगों से चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने की अपील कर रहे हैं. उनका कहना है कि डेढ़ लाख विदेशी सैनिक सुरक्षा में उनकी मदद करेंगे, लिहाजा डरने की कोई जरूरत नहीं हैं.

विशेषज्ञों को डर है कि चुनाव में धांधली या अस्पष्ट नतीजे शांति की कोशिशों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. आशंका जताई जा रही है कि ऐसे हालात का फायदा चरमपंथी उठा सकते हैं. चरमपंथी भी इसके लिए तैयार बैठे हैं. गुरुवार को चरमपंथियों ने देश के पूर्वी इलाके में दो चुनावकर्मियों की हत्या कर दी. साथ ही तालिबान ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी देते हुए कहा है कि मतदान प्रक्रिया में खलल डाला जाएगा. एक बयान जारी कर तालिबान ने कहा, ''हम सभी मुस्लिम देशों से अपील करते हैं कि विदेशी हमलावरों की इस प्रक्रिया का बहिष्कार किया जाए. काबिजों को जिहाद और इस्लामिक प्रतिरोध से बाहर खदेड़ा जाना चाहिए.''

Afghanistan Wahlen Wahlplakat in Kabul
तालिबान ने दी चेतावनीतस्वीर: AP

उधर चुनाव इंतजामों से अधिकारी और लोग भी नाराज हैं. चुनाव प्रक्रिया को लेकर अब तक 580 शिकायतें दर्ज की जा चुकी है, इनमें से 310 शिकायतें सरकारी अधिकारियों ने दर्ज कराई हैं. लोग दूसरे ढंग से विरोध कर रहे हैं. पूर्वी शहर जलालाबाद में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किए. उनकी पुलिस से झड़प भी हुई. लोग ज्यादा मतदान केंद्र बनाए जाने की मांग कर रहे थे. एक प्रदर्शनकारी गुलाब शाह ने कहा, ''सरकार जानबूझ कर ऐसा कर रही है. वह नहीं चाहती कि कुछ लोग सफल हों. इसलिए हमारे साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. हम बस यही मांग कर रहे हैं कि ज्यादा पोलिंग स्टेशन बनाए जाएं.''

कुछ प्रदर्शन दक्षिणी अफगानिस्तान में भी हुए हैं. उरुजगान में हथियारबंद प्रदर्शनकारियों की सैन्य चौकी में घुसने की कोशिश की. प्रदर्शनकारी अमेरिकी में कुरान जलाए जाने की रद्द हो चुकी योजना का अब तक विरोध कर रहे हैं. इसके लिए हफ्ते भर से प्रदर्शन हो रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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