हत्या से पहले खशोगी ने कहा, "सांस नहीं आ रही है"
१० दिसम्बर २०१८इस्तांबुल में सऊदी कंसुलेट में खशोगी की हत्या की गई. अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि खशोगी ने मरने से पहले कहा था, "मुझे सांस नहीं आ रही है." सीएनएन के मुताबिक इस सूत्र ने ऑडियो रिकॉर्डिंग की ट्रांसक्रिप्ट पढ़ी थी.
सूत्र ने सीएनएन को बताया कि अनुवाद की गई ट्रांसक्रिप्ट तुर्की के खुफिया अधिकारियों ने उसे दी थी. सूत्र के मुताबिक अक्टूबर महीने की शुरुआत में खशोगी की हत्या एक 'सोची समझी योजना' के तहत की गई.
इस हत्या को लेकर सऊदी अरब पर चौतरफा अंतरराष्ट्रीय दबाव है. सऊदी अरब का कहना है कि अमेरिकी अखबार 'द वाशिंगटन पोस्ट' के लिए लिखने वाले खशोगी की मौत एक झड़प में 'दुर्घटनावश' हो गई थी. लेकिन तुर्की के अधिकारियों का कहना है कि 15 लोगों का एक दस्ता खास तौर से खशोगी की हत्या करने के लिए बुलाया गया था.
कितना बदल गया सऊदी अरब
ट्रांसक्रिप्ट में संकेत मिलता है कि हत्या से पहले हाथापाई हुई थी, क्योंकि एक पूर्व राजनयिक ने खशोगी से कहा था कि "तुम वापस सऊदी अरब आ रहे हो". माना जाता है कि इस पूर्व राजयनिक का नाम मेहर अब्दुल अजीज मुतरेब था, जो सऊदी क्राउन प्रिंस के बेहद करीबी हैं.
सीएनएन के सूत्र के मुताबिक खशोगी ने तीन बार कहा था कि उन्हें सांस नहीं आ रही है. रिकॉर्डिंग में लगातार शोर सुनाई दे रहा है, जिसमें आरी और काटे जाने की आवाजें भी हैं. रिकॉर्डिंग में शामिल आवाजों में से एक को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि काम को कैसे निपटाना है. माना जाता है कि यह आवाज सऊदी अरब के गृह मंत्रालय में फॉरेंसिक मेडिसिन के प्रमुख सालाह मोहम्मद अल तुबैकी की है जो कहती है, "कानों पर ईअरफोन लगा लो, या फिर मेरी तरह संगीत सुनो."
ट्रांसक्रिप्ट में रियाद में किसी को बार बार फोन किए जाने की आवाजें भी हैं, जिसे स्थिति का पूरा अपेडट दिया जा रहा है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह टेलीफोन कॉल्स शायद क्राउन प्रिंस के पूर्व करीबी सऊद अल काहतानी को की गई थीं. तुर्की के अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि उन्हें सऊदी कंसुलेट के भीतर से यह रिकॉर्डिंग कैसे मिली.
खशोगी की हत्या को लेकर सामने आ रही ताजा जानकारी से सऊदी क्राउन प्रिंस और दबाव बढ़ सकता है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और तुर्की के खुफिया अधिकारी इस हत्या के लिए उन्हीं को जिम्मेदार मानते हैं.
वैसे तमाम खुफिया जानकारियों के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपने अहम मध्य पूर्व सहयोगी सऊदी अरब का बचाव ही कर रहे हैं. हालांकि अमेरिकी कांग्रेस खशोगी की हत्या के साथ साथ यमन में जारी लड़ाई को लेकर सऊदी अरब के खिलाफ कदम उठाने का दबाव बना रही है.
इस बीच, सऊदी विदेश मंत्री ने कहा है कि उनका देश दो पूर्व सऊदी अधिकारियों को प्रत्यर्पित नहीं करेगा जैसा कि तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोवान ने मांग की है. अदेल अल जुबैर ने कहा, "हम अपने नागरिकों को प्रत्यर्पित नहीं करेंगे." हाल में सऊदी अरब ने कहा था कि खशोगी की हत्या के मामले में 11 में पांच आरोपियों के लिए वह मौत की सजा चाहता है.
एके/आरपी (एएफपी, डीपीए)