हड़ताल से रुकी लुफ्थांसा की चाल
७ सितम्बर २०१२केबिन क्रू के कर्मचारी संघ ऊफो ने बताया, "प्रबंधन ने संपर्क किया था लेकिन कोई बातचीत नहीं हुई है." गुरुवार की आधी रात के बाद से देश में लुफ्थांसा ने 24 घंटे हड़ताल शुरू कर दी है. सामान्य दिनों में लुफ्थांसा की हर रोज करीब 1,800 उड़ानें जाती हैं. कंपनी ने कहा है कि इनमें से 1,200 फ्लाइटें रद्द होने की आशंका है. जर्मनी के सभी राज्य और लुफ्थांसा की सभी उड़ानें इससे प्रभावित होंगी.
लुफ्थांसा का मुख्य हब और यूरोप का तीसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट फ्रैंकफर्ट इस हड़ताल से सबसे ज्यादा प्रभावित है. गुरुवार को भी जर्मनी के छह बड़े हवाई अड्डों पर केबिन क्रू के वॉक आउट के कारण 50 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. इस हड़ताल के कारण दूसरी उड़ानों और जर्मन रेल में भारी भीड़ देखी जा रही है.
लुफ्थांसा प्रमुख क्रिस्टोफ फ्रांस ने माना कि उन्होंने केबिन क्रू कर्मचारी संघ की क्षमता को कम आंका. उन्हें नहीं लगा था कि इस पैमाने पर हड़ताल हो सकती है. जर्मन अखबारों में विज्ञापनों देकर कंपनी ने यात्रियों की असुविधा के लिए माफी मांगी हैं. फ्रांस ने कहा, "इस हड़ताल के कारण कंपनी को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान हो रहा है और यह लुफ्थांसा ब्रांड को भी नुकसान पहुंचा रहा है."
ऊफो 13 महीने से पांच फीसदी ज्यादा तनख्वाह, अस्थाई नौकरियां खत्म करने और नौकरियों की आउटसोर्सिंग से सुरक्षा की मांग कर रहा है. वहीं लुफ्थांसा प्रबंधन ने केबिन कर्मचारियों की तनख्वाह में साढ़े तीन फीसदी बढ़ोतरी की सहमति दी लेकिन साथ ही एक सस्ती और कम तनख्वाह वाली सेवा शुरू करने पर अड़ा हुआ है.
शुक्रवार को लुफ्थांसा से जुड़ी दूसरी कंपनी जर्मन विंग्स अपनी सेवाएं नहीं रोकेगी, वहां हड़ताल नहीं है. उधर लुफ्थांसा के यात्रियों को ऑस्ट्रियन, स्विस या दूसरी कंपनियों की उड़ानों से भेजा जा रहा है. इसका खर्चा कंपनी उठाएगी.
केबिन कर्मचारियों की हड़ताल लुफ्थांसा को काफी महंगी पड़ रही है. पहले दो दिन कुछ समय की हड़ताल से ही कंपनी को करीब एक करोड़ यूरो का नुकसान हुआ था.
एएम/एनआर (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)