हक्कानी का शीर्ष कमांडर मारा गया
११ नवम्बर २०१३अज्ञात बंदूकधारियों ने रविवार की शाम नसीरुद्दीन हक्कानी पर हमला किया. नसीरुद्दीन, हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक का बेटा है और इस गुट के लिए धन जमा करने वाला प्रमुख कमांडर. हकक्नी नेटवर्क अफगान सरकार और नाटो पर हमले के अलावा अपहरण और हत्या करने के लिए कुख्यात है. चश्मदीदों के मुताबिक हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार हो कर आए और बाड़ा कहू की एक दुकान से रोटी खरीदते हक्कानी पर स्वचालित हथियारों से गोलियों की बौछार कर दी.
अब तक इस हत्या की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है. एक हफ्ते पहले ही उत्तरी वजीरिस्तान के कबायली इलाके में अमेरिकी ड्रोन हमले में पाकिस्तानी तालिबान का प्रमुख हकीमुल्लाह महसूद मारा गया. अमेरिका हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान के कुछ बड़े हमलों का जिम्मेदार मानता है, इसमें 2011 में अमेरिकी दूतावास पर हुआ हमला और 2009 में सीआईए पर हुआ हमला भी शामिल है. हक्कानी नेटवर्क से जुड़े अफगान तालिबान के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि 36 साल के हक्कानी को इस्लामाबाद के बाड़ा कहू में रविवार शाम गोली मार दी गई है. कम से कम चार बंदूकधारियों ने उस पर गोलियां बरसाईँ."
पाकिस्तानी तालिबान के एक प्रवक्ता ने भी हक्कानी के मौत की पुष्टि की है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पर आरोप लगाते हुए इसका बदला लेने की धमकी दी है. तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता शाहिदुल्लाह शाहिद ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "नसीरुद्दीन हक्कानी को आईएसआई ने शहीद किया है. उसे इसलिए मारा गया क्योंकि उसने तालिबान प्रमुख हकीमुल्लाह महसूद का बड़ी दिलेरी से साथ दिया था." अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी एनडीएस ने भी हक्कानी के मौत की पुष्टि की है लेकिन इसके पीछे "आंतरिक संघर्ष" को जिम्मेदार बताया है.
अमेरिकी सरकार ने हक्कानी नेटवर्क को सितंबर 2012 में प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाल दिया था. अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि इस गुट से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को "अहम खतरा" है. इसके दो महीने बाद ही संयुक्त राष्ट्र ने भी हक्कानी नेटवर्क पर प्रतिबंध लगा दिया. यह कहा गया कि इस संगठन के तार अल कायदा, उज्बेकिस्तान की इस्लामी अभियान और तालिबान समेत पाकिस्तान के दूसरे आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं. हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में तनाव की भी एक प्रमुख वजह रहा है.
2012 में अमेरिकी सैन्य अकादमी के कॉम्बैटिंग टेररिज्म सेंटर की एक रिसर्च में नसीरुद्दीन को हक्कानी का "मुख्य वित्त अधिकारी" कहा गया था. इस रिपोर्ट उन तमाम कारोबारी नेटवर्क का ब्यौरा था जिनकी मदद से हक्कानी के सैन्य अभियानों के लिए पैसा आता है. इसमें रियल इस्टेट से लेकर खाड़ी के देशों से मिलने वाला दान और अपहरण, जबन वसूली और तस्करी से होने वाली कमाई शामिल है. माना जाता है कि नसीरुद्दीन तस्करी के अभियानों को दिशा निर्देश देता था और हक्कानी के नियंत्रण वाले इलाकों में काम करने वाली कंपनियों से भी मोटी रकम वसूली जाती थी.
इस नेटवर्क की नींव नसीरुद्दीन के पिता जलालुद्दीन हक्कानी ने रखी थी. जलालुद्दीन हक्कानी एक अनुशासित अफगान गुरिल्ला लड़ाका है जिसे 1980 के दशक में अमेरिका ने सोवियत सेना से लड़ने के लिए खड़ा किया था. अब वह अपने परिवार के साथ पाकिस्तान में रहता है. 1996 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया तब जलालुद्दीन उनसे जा मिला और मुल्ला उमर के शासन में केबिनेट मंत्री के रूप में काम करता रहा. 11 सितंबर की आतंकवादी कार्रवाई के बाद जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो हक्कानी ने उत्तरी वजीरिस्तान में शरण ली और अमेरिका के खिलाफ हमला करने वाले पहले कमांडरों में शामिल हो गया. जलालुद्दीन अब 70 साल का हो चुका है. उसकी जगह अब अफगान तालिबान नेतृत्व ने उसके एक और बेटे सिराजुद्दीन को दे दी है. वह इस गुट को चला रहा है जिसमें कम से कम 2000 लड़ाके हैं.
रिपोर्टः एन रंजन (एएफपी)
संपादनः आभा मोंढे