स्विस बैंक की सूची में भारतीय नामः जूलियन असांज
२६ अप्रैल २०११एक भारतीय टीवी चैनल से बातचीत में जूलियन असांज ने कहा, "हां, इस सूची में भारतीय नाम भी हैं, जिनमें से कुछ पहले ही जारी किए जा चुके हैं जबकि कुछ नाम जल्दी ही जारी होने वाली नई सूची में नजर आएंगे. मुझे यह याद नहीं कि वह नाम कौन कौन से हैं, लेकिन मैंने इस सूची में भारतीय नामों को पढ़ा है." स्विस बैंक की सूची में कुछ बड़े लोगों के नाम होने का संकेत देते हुए असांज ने कहा, "स्विस बैंक की इन निजी शाखाओं में 10 लाख डॉलर से कम रकम के लिए खाता नहीं खुल सकता...यह एक बड़ी रकम है और आम भारतीय के पास इतना पैसा नहीं होता."
यह पूछने पर कि क्या ये नाम कभी सामने आएंगे असांज ने कहा, "बिल्कुल, निश्चित रूप से आपको उम्मीद नहीं छोड़ना चाहिए." इस मामले में उन्होंने इस वक्त और कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया. असांज ने बताया कि उन्हें किसी रिपोर्ट के जरिए पता चला है कि स्विस बैंक में किसी भी देश के मुकाबले भारतीय लोगों का सबसे ज्यादा पैसा जमा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि,"ऐसी कोई वजह नहीं कि भारत को इस मामले में आक्रामक रुख नहीं अपनाना चाहिए."
विदेशों में जमा काले धन का पता लगाने और उन्हें वापस देश में लाने के लिए जर्मन सरकार की कोशिशों की तारीफ करते हुए जूलियन असांज ने कहा कि भारत को भी आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए क्योंकि जर्मनी के मुकाबले उसे प्रति व्यक्ति ज्यादा टैक्स का नुकसान हो रहा है. असांज ने यह भी आरोप लगाया,"विकीलीक्स के प्रति भारत सरकार का रवैया दुनिया में सबसे बुरा है और निश्चित रूप से विकीलीक्स पर जारी केबल के बारे में जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है."
असांज ने भारत सरकार के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि दोहरा कराधान पर स्विट्जरलैंड से करार स्विस बैंक में जमा काले धन की जानकारी जुटाने की राह में बाधा बन रहा है. असांज ने कहा, "दोहरे कराधान का संपत्ति छुपाने से कोई लेना देना नहीं. छुपाई गई संपत्ति इसके दायरे में आती ही नहीं." असांज के मुताबिक विदेशों में जमा काले धन का मामला स्थानीय भ्रष्टाचार से काफी बड़ा है क्योंकि इसमें पैसा सीधे विदेशी बैंक में रख दिया जाता है. इसके बाद जब भी यह रुपयह बेचा जाता है तो उससे देश की मुद्रा अस्थिर हो जाती है. इन पैसों की वजह से सभी भारतीय लोगों के लिए सब कुछ महंगा हो जाता है.
जूलियन असांज ने इससे पहले दावा किया था कि उन्हें स्विस बैंक के पूर्व अधिकारी रुडोल्फ एल्मर ने दस्तावेज दिए थे. असांज का यह भी कहना है कि इन दस्तावेजों में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, और एशिया के लोगों के नाम हैं. इन लोगों में राजनेता, कारोबारी और मनोरंजन की दुनिया के अलावा कला जगत से जुड़े नाम भी शामिल हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः उभ