स्मॉग में घुटता लाहौर का दम
७ फ़रवरी २०१९आलम एक पर्यावरण कार्यकर्ता हैं. वे अपने शहर की आबोहवा को लेकर बहुत चिंतित हैं. वे कहते हैं कि जिस दिन लाहौर में बहुत ज्यादा स्मॉग होता है, उस दिन वह अपनी बेटी को स्कूल नहीं भेजते, "मैं नहीं चाहता कि हमेशा हमेशा के लिए उसके फेफड़ों को नुकसान हो जाए."
पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर का स्मॉग से दम घुट रहा है और इसकी वजह है ईंट के भट्टों और स्टील मिलों से उठता हुआ धुआं, पराली और कूड़े जलाना और सड़कों पर वाहनों की बढ़ती तादाद. शहर के लोग कहते हैं कि नई सड़कें और घर बनाने के लिए हाल के सालों में लाहौर में अंधाधुंध पेड़ काटे गए हैं.
शहर में रहने वाले 1.1 करोड़ लोगों में से ज्यादातर को सिर दर्द, आंखों और गले में जलन की शिकायत है क्योंकि इस बार सर्दियों में कुछ दिन तो ऐसे थे जब लाहौर में कानूनी सीमा से पांच गुना ज्यादा वायु प्रदूषण था. यह बात एक ग्लोबल एयर क्वॉलिटी इंडेक्स के सर्वे में सामने आई है जिसमें लोगों ने एक ऐप के जरिए हिस्सा लिया.
दुनिया के प्रदूषण में कौन कितना हिस्सेदार
आलम कहते हैं कि अब सरकार को प्रदूषण के लिहाज से सबसे बुरे दिनों पर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी का एलान कर देना चाहिए. ये ऐसे दिन होते हैं जब हवा में बहुत ज्यादा धूल और प्रदूषक तत्व होते हैं, जिनसे अस्थमा, फेफड़ों में दिक्कत, श्वसन इंफेक्शन और हृदय संबंधी समस्याएं होती हैं.
वह कहते हैं, "लाहौर में पूरे साल वायु प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब रहती है लेकिन सर्दियों में चूंकि गर्म हवा ऊपर नहीं जा पाती तो प्रदूषण फैलाने वाले तत्व नीचे ही रह जाते हैं." लाहौर की पहचान कभी बागों के शहर के तौर पर होती थी लेकिन अब यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है. उसकी सड़कों पर दौड़ती बेशुमार गाड़ियां शहर की सांस फुला रही है. इस प्रदूषण से जलवायु परिवर्तन को भी बढ़ावा मिल रहा है.
प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने लाहौर में हवा की मॉनिटरिंग व्यवस्था को बहाल किया है. जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री के सलाहकार मलिक अमीन असलम कहते हैं कि पिछली सरकार ने दो साल पहले इस मॉनिटरिंग को रोक दिया. वह कहते हैं कि फंडिंग और कर्मचारियों की कमी की वजह से पंजाब में एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बंद रहे.
दुनिया के सबसे प्यासे चार देश ये हैं
खुद लाहौर में पले बढ़े इमरान खान कहते हैं कि शहर में स्मॉग की समस्या को दूर करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है. उन्होंने अपने कैबिनेट से कहा, "यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है."
नवंबर में लाहौर हाई कोर्ट ने पंजाब की प्रांतीय सरकार को स्मॉग कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दिया. 2017 में बनाए गए इस आयोग को स्मॉग की वजह तलाशने और फिर उन्हें दूर करने के उपाय सुझाने का काम सौंपा गया था.
आयोग ने कहा है कि उन फैक्ट्रियों और ईंट के भट्टों को बंद किया जाए जो ईको फ्रेंडली ईंधन टेक्नोलॉजी नहीं इस्तेमाल कर रहे हैं. साथ ही वाहनों की संख्या घटाने, पराली जलाने और महीन प्रदूषण तत्वों से निपटने की भी सिफारिश की गई है. आयोग ने पेड़ लगाने और स्कूलों में जाकर जागरूकता बढ़ाने के लिए मुहिम चलाने को भी कहा है.
एके/एमजे (थॉमस रॉयटर्स फाउंडेशन)