सोहराबुद्दीन के मामले में फंसे गुजरात के मंत्री
२३ जुलाई २०१०मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी समझे जाने वाले प्रादेशिक गृह राज्यमंत्री अमित शाह को सोहराबुद्दीन मामले में सवालों के जवाब देने हैं. सन 2005 में एक जाली एनकाउंटर में सोहराबुद्दीन शेख की हत्या कर दी गई थी.
अमित शाह को गुरुवार को भी सीबीआई ने पेश होने के लिए कहा था लेकिन शाह आए ही नहीं. इसके बाद सीबीआई ने उन्हें दूसरा समन भेजा लेकिन शाह के वकील ने और समय मांगा है.
पुलिस अधिकारियों के बयान के अनुसार अमित शाह ने इस एनकाउंटर के लिए व्यक्तिगत रूप से निर्देश दिया था. सोहराबुद्दीन को लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी करार दिया गया था. शाह पर आरोप है कि उसकी हत्या में लिप्त पुलिस अधिकारियों को उन्होंने फोन पर निर्देश दिया था. सीबीआई की ओर से गृह राज्यमंत्री के टेलिफोन रिकार्ड बरामद किए गए हैं. कहा जा रहा है कि इससे जाली एनकाउंटर में उनकी भूमिका साबित होती है.
एनकाउंटर के बाद भी अमित शाह लगातार गुजरात के आतंकवाद विरोधी दस्ते के प्रधान डीजी वनजारा के साथ संपर्क बनाए हुए थे. इस बीच वनजारा को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
आतंकवाद निरोधी दस्ते पर आरोप है कि 26 नवंबर, 2005 को सोहराबुद्दीन की हत्या के लिए अहमदाबाद में उन्होंने एनकाउंटर का नाटक रचा था. उनकी पत्नी कौसर बी भी उसी दिन से लापता हैं. इस वर्ष 12 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि हत्या में शामिल गुजरात और राजस्थान के पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ फ़ौजदारी मामला दर्ज किया जाए. इसके बाद कई पुलिस अधिकारियों को गिरफ़्तार भी किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई अपनी याचिका में सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन शेख ने कहा था कि आतंकवादी दस्ते के लोग 25 नवंबर को सोहराबुद्दीन और उनकी पत्नी कौसर बी को पकड़कर ले गए थे. वे दोनों हैदराबाद से नासिक जा रहे थे. 28 नवंबर को आतंकवाद विरोधी दस्ते की ओर से सूचना दी गई थी कि अहमदाबाद के पास एक मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन की मौत हो चुकी है. उस पर आरोप लगाया गया था कि वह कुछ बड़े नेताओं की हत्या की साज़िश में शामिल था.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: आभा एम