अंतर-धार्मिक रिश्तों के विरोध की बलि चढ़ गया विज्ञापन
१३ अक्टूबर २०२०विज्ञापन में एक मुस्लिम परिवार को अपनी हिन्दू बहू के लिए गोद-भराई की रसम आयोजित करते हुए दिखाया गया था. वीडियो के अंत में बहू अपनी सास से कहती है, "पर यह रसम तो आपके घर में होती भी नहीं है ना?", जिस पर उसकी सास जवाब देती हैं, "पर बिटिया को खुश रखने की रसम तो हर घर में होती है ना."
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस विज्ञापन की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह "लव-जिहाद" को बढ़ावा देता है. यह मुस्लिम-विरोधी विचारधारा वाले कुछ लोगों द्वारा इजाद की गई शब्दावली है जिससे वो लोग अंतर-धार्मिक विवाहों को निशाना बनाते हैं. उनका आरोप है कि मुस्लिम पुरुष एक षडयंत्र के तहत हिन्दू महिलाओं को अपने प्रेम में फंसा कर उनसे विवाह करते हैं.
विज्ञापन का विरोध करने वालों ने सोमवार को ट्विट्टर पर विज्ञापन के खिलाफ बॉयकॉट तनिष्क नाम का हैशटैग ट्रेंड करवाया, जिसके तहत कई ट्वीट किए गए. बताया जा रहा है कि आभूषण कंपनी तनिष्क ने अब इस विज्ञापन को अपने यूट्यूब चैनल से हटा लिया है. टाटा समूह की इस कंपनी ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
ट्विट्टर पर कई जाने माने लोगों ने विज्ञापन की सराहना की, उसका विरोध करने वालों की निंदा की और विज्ञापन के कथित रूप से हटाए जाने पर अफसोस व्यक्त किया. कांग्रेस पार्टी के सांसद शशि थरूर ने एक ट्वीट में कहा, "इन लोगों को अगर हिन्दू-मुस्लिम एकता से इतनी ही तकलीफ है तो वो देश का क्या ही बॉयकॉट क्यों नहीं कर देते, क्योंकि खुद भारत ही हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है."
इससे पहले भी ऐसा कई विज्ञापनों के साथ हो चुका है.
उनमें से कुछ को इसी विज्ञापन की तरह हटा लिया गया था, लेकिन कुछ कंपनियों ने विरोध के बावजूद अपने विज्ञापनों को जारी रखा.
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