"सुरक्षा परिषद में भारत का समर्थन पाकिस्तान की कीमत पर नहीं"
१३ नवम्बर २०१०अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पीजे क्राउली ने पाकिस्तान को चिंता न करने की सलाह दी है. क्राउली ने कहा, "हमने पाकिस्तान को राष्ट्रपति बराक ओबामा के एलान के बारे में सारी बातें समझा दी हैं, मुझे नहीं लगता कि किसी खास तरह की चिंता जताई गई है." विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, "राष्ट्रपति ओबामा का समर्थन दुनिया में इस इलाके की बढ़ती अहमियत की वजह से है और पाकिस्तान को इसे इस रूप में नहीं देखना चाहिए कि इससे उसे कोई नुकसान होगा."
क्राउली का कहना है कि पाकिस्तान समझता है कि उनके कहने का क्या मतलब है. उन्होंने कहा, "मैं पाकिस्तान सरकार पर ही छोड़ता हूं कि वे हमारे एलान पर कैसी प्रतिक्रिया जताते हैं."
भारत यात्रा पर आए राष्ट्रपति ओबामा ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आज कह सकता हूं कि आने वाले सालों में मुझे सुरक्षा परिषद में सुधार का इंतजार है जिसमें भारत एक स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होगा." राष्ट्रपति के इस बयान के साथ ही ब्रिटेन, फ्रांस और रूस के बाद अमेरिका चौथा ऐसा देश बन गया है जिसने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता को समर्थन देने की बात कही है. हालांकि पाकिस्तानी हुक्मरान इसका विरोध कर रहे हैं.
इस विरोध पर क्राउली ने कहा, "किसी को भी यह नहीं समझना चाहिए कि ये सब मुफ्त में हासिल हो रहा है और सबसे बड़ी बात है कि हर काम की एक प्रक्रिया है. इसमें सुरक्षा परिषद है और ऐसे कई देश हैं जिनकी बात सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए सुनी जानी है."
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार