सुखोई उड़ाएंगे कैप्टन सचिन तेंदुलकर
४ सितम्बर २०१०सचिन पहले खिलाड़ी हैं, जिन्हें भारतीय वायु सेना ने यह सम्मान दिया है. सचिन तेंदुलकर के पास हवाई जहाज उड़ाने का कोई अनुभव नहीं है लेकिन उनका कहना है कि वह लंबे वक्त से सुखोई विमान उड़ाने की हसरत रखते हैं. उन्होंने 1996 में दक्षिण अफ्रीकी वायु सेना के साथ एयरमाशी जेट विमान पर उड़ान भरी है.
एयर फोर्स मार्शल अर्जन सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल पीवी नाइक ने सचिन तेंदुलकर का वायु सेना में स्वागत किया. उन्होंने क्रिकेट के इस बेहतरीन बल्लेबाज के कंधे पर वायु सेना का बिल्ला लगाया और उनसे सलामी ली. पीवी नाइक ने बताया कि सचिन तेंदुलकर के लिए जल्द ही ट्रेनिंग उड़ान की व्यवस्था की जाएगी ताकि वह अपने विंग्स हासिल कर सकें.
सम्मान हासिल करने के बाद सचिन ने कहा, "भारतीय वायु सेना का ओहदा पाना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है. यह मेरे लिए बेहद अहम दिन है और पूरी जिन्दगी मैं इस दिन को याद रखूंगा. मैं यह तो नहीं कहूंगा कि यह मेरा सपना सच होने जैसा है लेकिन यह एक बेहद बड़ी बात है." उन्होंने कहा, "मैं भारतीय वायु सेना का हिस्सा बन कर बेहद खुश महसूस कर रहा हूं. मैं आज के युवाओं से अपील करूंगा कि वे वायु सेना में शामिल हों. अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करें. सपने सच होते हैं."
सचिन तेंदुलकर ने बताया कि जब वह किशोर थे, तो तेज रफ्तार मोटरसाइकिल और युद्धक विमानों से बेहद प्रभावित थे. उन्होंने बताया कि किस तरह दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने एक जेट विमान की उड़ान भरी और जब पायलट ने उन्हें बताया कि इमरजेंसी के वक्त किस तरह पैराशूट से कूदते हैं, तो उनके बदन में सिहरन होने लगी.
बल्लेबाजी के उस्ताद ने कहा कि खेल में सफल होने के लिए वचनबद्धता, एकाग्रता और समर्पण की जरूरत होती है लेकिन एयर फोर्स में तो यह स्वभाविक तौर पर ही आ जाता है. उन्होंने कहा, "एयर फोर्स के सैनिक की तरह दिखने के लिए वह सबसे ज्यादा यह कर पाते हैं कि अपना एवियेटर सनग्लास पहन लेते हैं."
यह पूछे जाने पर कि ग्रुप कैप्टन बनने से पहले क्या उन्होंने कोई ट्रेनिंग ली है, सचिन ने कहा कि उन्होंने सिर्फ एक बार दक्षिण अफ्रीका में युद्धक विमान की उड़ान भरी है. वह चाहते हैं कि उस याद को ताजा करने के लिए वह भारतीय वायु सेना के विमान से भी उड़ान भरें. सचिन तेंदुलकर ने बताया कि वह टॉम क्रूज की फिल्म टॉप गन से प्रभावित हैं लेकिन वायु सेना तो असल जिन्दगी में ऐसा करती है.
नाइक का कहना है कि सचिन तेंदुलकर की वजह से युवा वर्ग आगे आएगा और वायु सेना से जुड़ सकता है. नाइक ने बताया कि वह उस वक्त से सचिन तेंदुलकर के फैन हैं, जबसे सचिन ने खेलना ही शुरू किया था.
भारतीय वायु सेना ने इस साल जनवरी में इस बात का एलान किया कि वह सचिन तेंदुलकर को ग्रुप कैप्टन का ओहदा देना चाहता है. इसके बाद 20 मई को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इसकी मंजूरी दे दी और 23 जून तक सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं. भारतीय वायु सेना ने अब तक कुल 21 लोगों को मानद ओहदा दिया है. सबसे पहले जावहर के राजा यशवंत राव को 1944 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट, जेआरडी टाटा को 1974 में एयर वाइस मार्शल और आखिरी बार 1990 में विजयपत सिंघानिया को एयर कोमोडोर का ओहदा दिया जा चुका है.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः एस गौड़