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समाज

"सिनेमा, राजनीति को अलग-अलग नहीं किया जा सकता"

४ जनवरी २०१९

'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' नामकी फिल्म का ट्रेलर आने के साथ ही इस पर चर्चाओं और विवादों की शुरुआत हो गई. अभिनेता अनुपम खेर इसे बचकानी सोच मानते हैं कि यह फिल्म इस साल चुनाव का परिणाम बदल सकती है.

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Indien Film The Accidental Prime Minister
तस्वीर: Imago/Zuma/A. Khan

'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' नामकी फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का किरदार निभा रहे अभिनेता अनुपम खेर का कहना है कि सिनेमा और राजनीति को अलग अलग नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक दूसरे का प्रतिबिंब हैं.

अपनी रिलीज से पहले ही फिल्म ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है और इसके मुख्य किरदार के साथ साथ फिल्म को 2019 के आम चुनाव से पहले रिलीज करने को लेकर आलोचना का भी सामना करना पड़ रहा है.

अनुपम खेर ने आईएएनएस को बताया, "जब दर्शक किसी फिल्म को थिएटर में देखने जाते हैं तो वह नियमित सिनेमा जाने वाले या फिल्म प्रेमी होते हैं. वे बतौर मतदाता हॉल में प्रवेश नहीं करते."

उन्होंने कहा, "लेकिन हां, जब वह बाहर आएंगे तो फिल्म जरूर उनके दिमाग में होगी. लेकिन तब तक सिनेमा और राजनीति को अलग-अलग नहीं किया जा सकता क्योंकि दोनों एक दूसरे का प्रतिबिंब हैं."

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता खेर ने कहा, "एक फिल्मनिर्माता या एक कलाकार वास्तव में यह तय नहीं करता कि लोग क्यों एक राजनीतिक दल के लिए वोटिंग कर रहे हैं. कुछ मतदाता वफादार हैं, कुछ एक पार्टी और सरकार को चुनने के लिए अच्छे व खराब लोगों की सूची बना रहे हैं. कोई फिल्म उसमें कितना योगदान दे सकती है?"

उन्होंने कहा, "मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि जब लोग एक सरकार को चुनने के लिए वोट करने जाएंगे तो वह एक फिल्म के प्रभाव के आधार पर कोई फैसला नहीं लेंगे."

क्या फिल्म, मनमोहन सिंह के किरदार को दिखाकर कांग्रेस पार्टी पर विचार बनाने के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने का इरादा रखती है? इस पर 63 वर्षीय अभिनेता ने कहा, "यह कहना हास्यास्पद है कि लोगों ने संजय बारू की किताब के कारण एक राजनीतिक दल को चुना और सरकार में बदलाव हुआ. इसी तरह यह कहना बचकाना है कि यह फिल्म इस साल चुनाव का परिणाम बदल देगी."

यह पूछने पर कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच मतभेदों को दिखाना ही फिल्म का मूल सार है, जिसपर अनुपम ने कहा, "नहीं, नहीं, कहानी मध्य वर्ग में जन्मे एक आम व्यक्ति की है, जो अपनी योग्यता, उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश का प्रधानमंत्री बनता है."

उन्होंने कहा, "वह एक दिलवाले, एक सच्चे देशभक्त, शिक्षित, विनम्र व्यक्ति हैं, जो एक विशाल संघर्ष से गुजरे और उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के रूप में असुरक्षित महसूस किया."

पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के बीच तकरार पर टिप्पणी करते हुए अभिनेता ने कहा, "यह कभी कोई राज नहीं रहा. यह बल्कि एक खुला राज था, जो बाहर आया. यह पुस्तक में भी है."

उन्होंने कहा, "सभी जानते हैं कि उन्हें कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया था और उनके चुने जाने की संभावना सबसे कम थी. हमारी फिल्म को पीएमओ में मीडिया सलाहकार के दृष्टिकोण से दिखाया गया है."

विजय रत्नाकर गुट्टे द्वारा निर्देशित फिल्म में अक्षय खन्ना, आहाना कुमरा और अर्जुन माथुर दिखाई देंगे. 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' 11 जनवरी को रिलीज होगी.

अरुंधती बनर्जी (आईएएनएस)

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