समलैंगिकों को 'सुधारने' पर ब्रिटेन में बैन
३ जुलाई २०१८कई देशों में एलजीबीटी यानी लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को शादी का कानूनी हक तो मिल गया है, लेकिन आज भी उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है. कई लोग इलाज और थेरेपी के जरिए ऐसे लोगों को 'ठीक करने' का दावा करते हैं. लेकिन अब ब्रिटिश सरकार ने एलजीबीटी समुदाय के लोगों को 'सुधारने' या विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित करवाने की कोशिशों में लगे लोगों और संगठनों पर कानूनी प्रतिबंध लगा दिया है. इस प्रतिबंध को मंजूरी देते हुए प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा कि एलजीबीटी समुदाय को पूरा हक है कि वे जैसे चाहे जिए.
एलजीबीटी समुदाय के लोगों के प्रति भेदभाव को रोकने के लिए ब्रिटिश सरकार ने अपना एक्शन प्लान एक ऑनलाइन सर्वे से मिले डाटा के आधार पर तैयार किया है जिसमें करीब 1,08,000 लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें से दो फीसदी लोगों ने माना कि विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होने के लिए कहीं न कहीं से उन्हें कोई ट्रीटमेंट या थेरेपी दी गई है. वहीं पांच फीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने ऐसे प्रस्तावों को ठुकरा दिया.
हजारों साल पुराने पुरुष प्रेम संबंध को दिखाएगी प्रदर्शनी
एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन स्टोनवॉल का कहना है कि किसी भी तरह का ट्रीटमेंट या मनोचिकित्सा गलत है, जिसका मकसद समलैंगिक संबंधों को खत्म करना हो. ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि इस तरह की सभी थेरेपियों को रोका जाएगा.
सर्वे में पता चला कि जिन लोगों को ऐसी थेरेपी दी गई हैं, उनमें आधे से ज्यादा लोगों के मामले में थेरेपी कराने वाले ज्यादातर धार्मिक संगठन थे. वहीं 19 फीसदी मामलों में हेल्थकेयर प्रफेशनल और 16 फीसदी मामलों में परिवार के लोगों ने ऐसी थेरेपी कराईं.
सर्वे में लगभग 40 फीसदी लोगों ने माना कि उनके साथ हिंसा या गाली गलौज की गई और ऐसा अक्सर होता रहता है. तो तिहाई एलजीबीटी लोगों का कहना है कि उन्होंने सार्वजनिक जगहों पर एक-दूसरे का हाथ पकड़ना छोड़ दिया है क्योंकि लोग उन्हें स्वीकार नहीं करते. इस पर प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने हैरानी जताते हुए कहा, "किसी को भी अपने और अपने प्रेम के बारे में बात करते हुए डरना नहीं चाहिए और न ही छुपाना चाहिए." उन्होंने भरोसा दिलाया कि एलजीबीटी समुदाय के लिए तैयार एक्शन प्लान पूरे समाज में बदलाव लाएगा.
ललिता से ललित बना पुलिस कॉन्स्टेबल
ब्रिटिश सरकार की योजना के मुताबिक, अब राष्ट्रीय स्तर पर एलजीबीटी स्वास्थ्य सलाहकार की नियुक्ति होगी और स्कूलों में जागरूकता और समलैंगिक समुदाय के प्रति आपराधिक घटनाओं की शिकायतों को बेहतर तरीके से रिकॉर्ड किया जाएगा. इसके लिए 40.5 लाख पाउंड का फंड जारी किया जाएगा.
वीसी/एके (एएफपी)