समलैंगिक होने पर ये देश देते हैं मौत
ब्रूनेई में समलैंगिकों को पत्थर मारकर मौत के घाट उतारने की इजाजत दी जाने पर दुनिया भर में आलोचना हुई. इसके बाद ब्रुनेई ने अपना फैसला टाल दिया. चलिए जानते हैं कि दुनिया में समलैंगिकों के लिए सबसे बुरे देश कौन से हैं.
प्यार की सजा मौत
अंतरराष्ट्रीय लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांस एंड इंटरसेक्स एसोसिएशन का कहना है कि ब्रूनेई दुनिया का सातवां देश है जहां समलैंगिक संबंधों के लिए मौत की सजा का प्रावधान है. वहीं बहुत से ऐसे देश भी हैं जहां समलैंगिक संबंध अपराध की श्रेणी में आते हैं.
यहां मिलती है मौत
जिन छह अन्य देशों में समलैंगिक सेक्स की सजा मौत है उनमें ईरान, सऊदी अरब, यमन, नाइजीरिया, सूडान और सोमालिया शामिल हैं. मॉरेटानिया का कानून समलैंगिकों को पत्थर मार कर मौत की सजा की अनुमति देता है, लेकिन वहां सजा ए मौत पर रोक है.
मलेशिया
मलेशिया में गुदा मैथुन और समलैंगिक संबंधों पर प्रतिबंध है. पिछले साल वहां दो महिलाओं को समलैंगिक संबंध कायम करने का दोषी पाया गया और उन्हें बेंत मारने की सजा दी गई. दुनिया भर में इस सजा की आलोचना हुई.
रूस
रूस में 2013 में एक व्यापक कानून बना जिसके तहत नाबालिगों में समलैंगिक 'दुष्प्रचार फैलाने' को प्रतिबंधित किया गया. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस कानून के बाद वहां समलैंगिकों पर हमले बढ़े हैं.
नाइजीरिया
अफ्रीकी देश नाइजीरिया में गुदा मैथुन के लिए कैद का प्रावधान है, लेकिन 2014 में पारित एक कानून ने समलैंगिक शादियों और संबंधों पर भी प्रतिबंध लगा गया. समलैंगिक अधिकारों की बात करने वाले संगठनों की सदस्यता लेने पर भी रोक लगा दी गई.
जापान
बेहद आधुनिक समझे जाने वाले जापान में भी ट्रांसजेंडरों के लिए हालात अच्छे नहीं हैं. वहां सेक्स चेंज कराने वाले लोगों को उनकी नई लैंगिक पहचान को कानूनी मान्यता मिलने से पहले नसबंदी कराने के लिए मजबूर किया जाता है.
अजरबैजान
अजरबैजान में समलैंगिक शादियां और समलैंगिकों जोड़ों से बच्चे गोद लेने पर प्रतिबंध है. 2017 में वहां एलजीबीटी समुदाय के लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की गई, जिसमें मानवाधिकार समूहों के मुताबिक पुरुष समलैंगिकों को पीटा गया और उनका शोषण हुआ.
तंजानिया
अफ्रीकी देश तंजानिया में भी समलैंगिक शारीरिक संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. इसका दोषी करार दिए जाने पर 30 साल तक की सजा हो सकती है.
अमेरिका
अमेरिका में हाल के सालों में एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों को लेकर जितनी प्रगति हुई, राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप उस सब पर पानी फेर देना चाहते हैं. उनकी सरकार ट्रांसजेंडर लोगों की अमेरिकी सेना में भर्ती पर भी रोक लगाना चाहती है.