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श्रोताओं ने भेजीं कुछ तारीफें कुछ शिकायतें

२५ अक्टूबर २०१०

वेस्ट वॉच में किताबों के भविष्य पर, खोज में जहरीली गैस दुर्घटनाओं के विभिन्न प्रयोग और हैलो जिंदगी में लिव इन संबंध...जानिए, हमारे श्रोताओं को क्या भाया और किस पर गुस्सा आया.

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तस्वीर: DW

आपका प्रसारण गत 25 वर्षों से लगातार सुनता आ रहा हूं. इस अवधि में आपके द्वारा जो परिवर्तन किए गए उनसे संतुष्ट हुआ जा सकता है. आपके समाचार और उन पर टिप्पणियां निष्पक्ष होती हैं. सभी साप्ताहिक कार्यक्रम रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों से ओतप्रोत होते हैं. इनमें खोज, अंतरा, लाइफ लाइन को सर्वाधिक पसंद करता हूं. लेकिन आपकी बारी आपकी बात को आप जो टुकड़ों में पेश करते हैं, यह बात पसंद नहीं है. इस बारे में कहना चाहूंगा कि आप मैच प्वाइंट के स्थान पर इसे पेश करें. खेल सम्बन्धी समाचार तो वैसे भी पेश कर सकते हैं. प्रसारण ठीक सुनाई दे रहा है.
उमेश कुमार शर्मा, स्टार लिस्नर्स क्लब, नारनौल (हरियाणा)

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वेस्ट वॉच में यूरोप के रोमा जिप्सियों पर छिड़ी बहस और आज भी कई देशों में उन पर होने वाले अत्याचार और पुराने सालों में उन्होंने सही हिंसा के बारे में विस्तार से जानने को मिला. सभी को संसार में जीने का हक है, इसी मानवीय दृष्टिकोण से उनके बारे में विचार होना जरुरी है. फ्रांकफुर्ट पुस्तक मेले की जानकारी और उसमे शामिल बोलने वाली किताब, ई-किताबें, एंटीक किताबें और भविष्य की आवाजें जिसमें किताबें सिर्फ कंप्यूटर पर ही उपलब्ध होंगी पर रिपोर्ट काफी सटीक लगी.
संदीप जावले, मार्कोनी डी एक्स क्लब, परली वैजनाथ (महाराष्ट्र)

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23 अक्टूबर के हैलो ज़िंदगी में निर्मलजी द्वारा लिव इन रिलेशनशिप पर चर्चा की गई. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद इस पर कई तरह की चर्चा चल रही है. अगर इस पर कानून नहीं बनाया गया तो इसका दुरुपयोग भी हो सकता है. खोज में हैम्बर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओ के जहरीली गैस दुर्घटनाओं से निपटने के बारे में बताया गया. अगर यह शोध सफल रहा तो हम भोपाल जैसी गैस त्रासदी से बच सकते हैं. साथ ही, ऐसा सॉफ्टवेयर भी तैयार किया जा सकता है जिससे दमकल कर्मियों को मुहैया करा कर बहुत सी दुर्घटनाओं को काबू किया जा सकता है. कार्यक्रमों के लिए उज्ज्वलजी के साथ डीडब्ल्यू परिवार को धन्यवाद.

दुर्गेश कुमार पटेल, रायगढ़,(छत्तीगढ़)

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तस्वीर: Concorde Filmverleih

हैलो जिंदगी के ताज़ा अंक में लिव इन रिलेशनशिप पर चर्चा की गई. सुप्रीम कोर्ट के नवीनतम निर्णय के बाद यह विषय फिर गरमा गया है. आपकी चर्चा में युवा और वरिष्ठ दोनों लोगों के दृष्टिकोण शामिल किये गए जिससे सार्थकता बढ़ गई. आपकी वेबसाइट पर इस सम्बन्ध में प्रस्तुत सामग्री तो और भी बेहतर है. दीपिका कुमारी से विस्तार से बातचीत भी काफी अच्छी लगी. आपकी बारी आपकी बात में आपकी चिट्ठी मिली का स्वाद गायब हो गया है. यह तो बस खानापूर्ति जैसा लगता है. दो दिन के कार्यक्रम के बावजूद वह मज़ा नहीं मिलता जो पहले था.

प्रमोद महेश्वरी, फतेहपुर-शेखावाटी, (राजस्थान), ईमेल द्वारा

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वेस्ट वॉच में फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले से आती भविष्य की आवाजें सुनीं जो किसी भी लिहाज से किताबों के हित के अनुकूल नहीं हैं- ई-बुक किताबों के लिए खतरे की घंटी है, परन्तु यह सच है कि किताबें ख़त्म हो सकती हैं पर उस में मुद्रित शब्द नहीं. बोलती किताबों के बारे में दी गई जानकारी अद्भुत लगी. मैच प्वाइंट में हाल ही में सम्पन्न कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए पदकों की खान बनी हरियाणा की मिट्टी से निकली स्वर्णिम खिलाड़ियों की चर्चा सुन्दर लगी. ये खिलाड़ी अपने सशक्त प्रदर्शन और दमखम पर ही देश की नुमाइंदगी कर रहे हैं. अंतरा में दलित महिलाओं के लिए संघर्ष करते रहने वालीं मनोरमा जी के बारे में विस्तार से दी गई जानकारी तथा उनसे भेटवार्ता सुन्दर लगी. महिला संसद का आयोजन कर मनोरमा जी ने बहुत ही साहसिक एवं क्रांतिकारी कदम उठाया है. खोज कार्यक्रम में हैम्बर्ग शहर के ऊपर जहरीले गैस के बादल फैलाने से सम्बंधित प्रयोग से जुडी जानकारियां सुनीं. अगर यह सफल हो गया तो इस का दुरूपयोग भी हो सकता है. भौतिक शास्त्रियों द्वारा तैयार किये गये ब्रह्मांड से जुड़ी जानकारियां दिलचस्प लगीं.
अतुल कुमार, राजबाग रेडियो लिस्नर्स क्लब, सीतामढ़ी (बिहार)

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संकलनः विनोद चढ्डा

संपादनः वी कुमार