शहर हो या गांव, महिलाओं पर ही है घर का सारा बोझ
भारत में लोग समय कैसे बिताते हैं इस विषय पर सरकार ने पहली बार एक सर्वेक्षण कराया है. सर्वे में यह साबित हो गया है कि शहर हो या गांव, महिलाएं आज भी हर जगह चारदीवारी के अंदर ही सीमित हैं.
कैसे बिताते हैं समय
सर्वेक्षण जनवरी से दिसंबर 2019 तक 5,947 गांवों और 3,998 शहरी इलाकों में कराया गया. इसमें 1,38,799 परिवारों ने भाग लिया, जिनमें छह साल से ज्यादा उम्र के 4,47,250 लोगों से सवाल पूछे गए.
अपना ख्याल रखने में बिताते हैं ज्यादा वक्त
दिन के 24 घंटों में पुरुष और महिलाएं दोनों सबसे ज्यादा समय अपना ख्याल रखने में बिताते हैं. पुरुष उसके बाद सबसे ज्यादा वक्त रोजगार और उससे जुड़ी गतिविधियों में बिताते हैं और महिलाएं उसके बाद सबसे ज्यादा वक्त बिना किसी वेतन के घर के काम करने में बिताती हैं.
रोजगार में महिलाओं की भागीदारी कम
सर्वे में पूरे देश में सिर्फ 38.2 प्रतिशत लोगों को रोजगार में व्यस्त पाया गया. ग्रामीण इलाकों में यह दर 37.9 प्रतिशत है, जिसमें से पुरुषों की भागीदारी 56.1 प्रतिशत है और महिलाओं की 19.2 प्रतिशत. शहरी इलाकों में दर 38.9 प्रतिशत है, जिसमें पुरुषों की भागीदारी 59.8 प्रतिशत है और महिलाओं की भागीदारी 16.7 प्रतिशत है.
उत्पादन में महिलाएं आगे
अपने इस्तेमाल के लिए सामान के उत्पादन में देश में सिर्फ 17.1 प्रतिशत लोग लगे हुए हैं. ग्रामीण इलाकों में यह दर 22 प्रतिशत है, जिसमें से पुरुषों की भागीदारी 19.1 प्रतिशत है और महिलाओं की 25 प्रतिशत. शहरी इलाकों में दर सिर्फ 5.8 प्रतिशत है, जिसमें पुरुषों की भागीदारी 3.4 प्रतिशत है और महिलाओं की भागीदारी 8.3 प्रतिशत है.
घर के काम करने में पुरुष बहुत पीछे
बिना किसी वेतन के घर के काम करने में ग्रामीण इलाकों में पुरुषों की भागीदारी सिर्फ 27.7 प्रतिशत है और महिलाओं की 82.1 प्रतिशत. शहरों में पुरुषों की भागीदारी है 22.6 प्रतिशत और महिलाओं की 79.2 प्रतिशत. ग्रामीण इलाकों में पुरुषों ने इन कामों में औसत एक घंटा 38 मिनट बिताए जब कि महिलाओं ने पांच घंटे एक मिनट. शहरी इलाकों में पुरुषों ने एक घंटा और 34 मिनट दिए जबकि महिलाओं ने चार घंटों से ज्यादा समय दिया.
दूसरों की देख-भाल भी ज्यादा करती हैं महिलाएं
बिना किसी वेतन के दूसरों की देख-भाल करने में भी महिलाएं पुरुषों से कहीं ज्यादा आगे हैं. ग्रामीण इलाकों में यह सिर्फ 14.4 प्रतिशत पुरुष करते हैं जबकि महिलाओं का प्रतिशत 28.2 है. शहरी इलाकों में इसमें पुरुषों की भागीदारी 13.2 प्रतिशत है और महिलाओं की 26.3 प्रतिशत.
पूजा-पाठ और लोगों से मिलने पर विशेष ध्यान
91.3 प्रतिशत भारतीय पूजा-पाठ, लोगों से मिलने और सामुदायिक गतिविधियों में शामिल होते हैं. इसमें ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों में 90 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं और पुरुषों दोनों की भागीदारी है. ग्रामीण इलाकों में इन पर पुरुष एक दिन में औसत दो घंटे और 31 मिनट और महिलाएं दो घंटे और 19 मिनट बिताती हैं. शहरी इलाकों में महिलाएं और पुरुष दोनों ही इन पर एक दिन में औसत दो घंटे और 18 मिनट बिताते हैं.
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