अगवा लड़कियों का वीडियो
१२ मई २०१४इस वीडियो में चार सप्ताह पहले पकड़ी गईं 130 लड़कियां देखी जा सकती हैं, जिन्हें बुरका पहनाया गया है. बोको हराम के अगुवा अबुबकर शेकाऊ ने बताया कि इन बच्चियों का धर्मांतरण कर दिया गया है. अभी तक नाइजीरिया की सरकार इन लड़कियों का पता नहीं लगा पाई है.
नाइजीरियाई शहर चिबोक के स्कूल की एक लड़की अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बच निकली. उसने टीवी चैनल सीएनएन को बताया कि जब कट्टरपंथी संगठन बोको हराम के सदस्य उसके स्कूल में आए तो उन्होंने लड़कियों से कहा कि वे उनके ट्रकों में चढ़ जाएं. इस लड़की ने बताया, "जाने से अच्छा हम मर जाते." यह लड़की फिर स्कूल के पास झाड़ियों में छिपी रही.
इस्राएल से मदद
इस बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन 276 के करीब छात्राओं को ढूंढने में लगा हुआ है. इस्राएल ने भी मदद करने का एलान किया है. नाइजीरिया के राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने कहा कि इस्राएल दुनिया भर में अपनी आतंकवाद निरोधी क्षमता के लिए जाना जाता है और नाइजीरिया को इससे फायदा होगा. ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस ने भी अपनी टीमें भेज दी हैं जो नाइजीरिया की सेना की मदद करेंगी. वहां के सैनिक देश के पूर्वोत्तर हिस्से में लड़कियों को ढूंढ रहे हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने अफ्रीका के देशों की बैठक का सुझाव दिया है. इसमें नाइजीरिया सहित चैड, कैमरून, नाइजर और बेनिन के नेता हिस्सा ले सकते हैं.
करीब एक महीने पहले हुए अपहरण को लेकर नाइजीरियाई सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है. सरकार की प्रतिक्रिया अब तक बहुत धीमी थी. पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ऐमनेस्टी इंटरनेशनल ने दावा किया कि वहां की सेना को अपहरण से पहले चेतावनी दी जा चुकी थी. अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच नाइजीरिया के प्रधानमंत्री गुडलक जोनाथन ने कहा है कि लड़कियों की नाइजीरिया में ही होने की संभावना है हालांकि कुछ विशेषज्ञों को शक है कि लड़कियों को चैड या कैमरून ले जाया गया है.
इस वक्त लड़कियों को सांबीसा जंगल में खोजा जा रहा है. इससे पहले सेना को वहां बोको हराम के शिविर मिले थे. हाउसा भाषा में बोको हराम का मतलब है, "पश्चिमी शिक्षा पाप है." इसके सदस्यों ने स्कूलों, चर्चों और आम लोगों पर हमले किए हैं. इस साल अब तक 1,500 लोग बोको हराम के हमलों में मारे गए हैं. स्कूल की छात्राओं का अपहरण पहले भी हुआ है लेकिन बोको हराम नेता अबूबक्र शेकाऊ ने धमकी दी है कि वह इन लड़कियों को बंदी बनाकर बेचेगा. इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ गया है और दुनिया भर के देश लड़कियों को ढूंढने में लग गए हैं.
एमजी/एएम (डीपीए, एएफपी)