लेबनान में सैकड़ों ठिकानों पर इस्राएल का हमला
२३ सितम्बर २०२४इस्राएल की सेना, आईडीएफ का कहना है कि स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 6:30 बजे हमले शुरू हुए जो 7:30 बजे तक चलते रहे. ये हमले दक्षिणी और पूर्वी लेबनान में किए गए हैं. लेबनान के आधिकारिक मीडिया नेशनल न्यूज एजेंसी ने आधे घंटे में 80 हवाई हमलों की खबर दी है जिसमें दक्षिणी लेबनान को निशाना बनाया गया है. इसके साथ ही पूर्व की तरफ बेका वैली में काफी तेज हमले हुए हैं, जहां हिज्बुल्लाह के एक लड़ाके की मौत हुई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 34 लोगों के घायल होने की खबर दी है. दक्षिणी हिस्से के अस्पतालों को बहुत जरूरी नहीं होने पर सर्जरी बंद करने को कहा गया है, ताकि घायलों के इलाज के लिए जगह बनाई जा सके. इलाके के स्कूलों को भी दो दिन के लिए बंद करने का आदेश शिक्षा मंत्रालय की तरफ से दिया गया है.
पूर्व की तरफ बालबेक में कई जगहों पर धमाके और आकाश की ओर उठते धुएं की तस्वीरें दिखाई दी हैं. दक्षिणी लेबनान के जावतार गांव में रहने वाली 60 साल की गृहिणी वफा इस्मााइल का कहना है, "हम सो रहे थे और जब उठे तो बमबारी हो रही थी... यही हमारी जिंदगी हो गई है." स्थानीय लोगों और मीडिया का कहना है कि तटवर्ती शहर टाइरे के बाहरी हिस्सों को भी निशाना बनाया गया है.
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घर छोड़ने की चेतावनी
इससे पहले लेबनान के सरकारी मीडिया ने खबर दी कि लोगों को इस्राएल की तरफ से फोन पर चेतावनी दी जा रही है और उन्हें घर छोड़ कर जाने के लिए कहा जा रहा है. लेबनान के सूचना मंत्री जियाद मकारी के दफ्तर ने एएफपी को बताया कि उसे भी ऐसा एक संदेश मिला है.
इस्राएली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डानिएल हागारी ने इस तरह की पहली अपील लेबनान के लोगों से की है, जिसमें उनसे हिज्बुल्लाह के ठिकानों से दूर रहने को कहा गया है क्योंकि "हमले निकट भविष्य में होते रहेंगे." हागारी ने कहा है कि इस्राएली सेना, "आतंकी ठिकानों के खिलाफ ज्यादा और सटीक हमले करेगी जिन्होंने पूरे लेबनान को घेर रखा है." उन्होंने आम लोगों से अपनी सुरक्षा के लिए तुरंत वहां से निकल जाने का अनुरोध किया है. एक साल पहले हमास के हमले के बाद शुरू हुई गाजा की जंग के बाद पहली बार इस्राएली सेना ने लेबनान के लोगों को हमले की चेतावनी दी है.
फोन नेटवर्क में घुसपैठ
लेबनान की नेशनल न्यूज एजेंसी (एनएनए) का कहना है, "बेरूत और दूसरे कई इलाकों के लोगों को लैंडलाइन फोन पर चेतावनी के संदेश मिल रहे हैं जिनका स्रोत इस्राएली दुश्मन है, वह उन्हें जहां कहीं भी हैं, वहां से तुरंत निकलने को कह रहे हैं." एजेंसी ने इस फोन चेतावनी को, "मनोवैज्ञानिक युद्ध का हिस्सा बताया है." सूचना मंत्री मकारी का दफ्तर बेरुत के जिस इलाके में है वहां और भी कई मंत्रालयों के दफ्तर हैं. उनका कहना है कि उन्हें लैंडलाइन फोन पर एक कॉल आई थी जिसमें "रिकॉर्डेड मैसेज" था.
लेबनान में दूसरे कई लोगों को भी मोबाइल फोन पर एसएमएस के जरिए संदेश मिला है जिसमें उसी तरह की चेतावनी है. इनमें संदेश भेजने वाले का नंबर नहीं दिख रहा है. बेरूत निवासी खालेद ने एएफपी को बताया कि उन्हें एक एसएमएस मिला है जिसमें लिखा है, अगर तुम ऐसी इमारत में हो जिसके आसपास हिज्बुल्लाह के हथियार हैं तो तुम वहां से दूर चले जाओ, उस गांव से भी अगली सूचना मिलने तक दूर रहो."
लेबनान की सरकारी टेलिकॉम कंपनी के प्रमुख इमाद क्रिदिह ने बताया, "लेबनान का लैंडलाइन नेटवर्क सिस्टम इस्राएल के सभी तरह के फोन कॉल को ब्लॉक कर देता है." हालांकि इस्राएल, "किसी साथी देश के अंतरराष्ट्रीय फोन कोड का इस्तेमाल कर संचार तंत्र में घुस आता है."
शांति की अंतरराष्ट्रीय कोशिशें
तकरीबन एक साल से एक दूसरे के खिलाफ छोटे-मोटे हमले और धमकियों के बाद अब लड़ाई तेज हो गई है. हिज्बुल्लाह का कहना है कि वह हमास के समर्थन में हमले कर रहा है. एक साल में लेबनान के सैकड़ों लोगों की मौत हुई है जिनमें ज्यादातर हिज्बुल्लाह के अधिकारी और लड़ाके हैं. उधर गोलन पहाड़ियों के इलाके में इस्राएल के भी दर्जनों लोगों की मौत हुई है. दोनों तरफ के दसियों हजार लोगों ने हमलों के डर से अपना घर छोड़ा है. इस्राएल का कहना है कि वह अपने लोगों को उनके घरों में सुरक्षित पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.
बीते हफ्तों में पेजर और वॉकी टॉकी में धमाकोंसमेत कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनके बाद तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया है.
अंतरराष्ट्रीय ताकतें दोनों पक्षों को युद्ध से पीछे खींचने की कोशिश कर रही हैं. लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिताकी ने संयुक्त राष्ट्र और प्रभावशाली देशों से आग्रह किया है कि वे "लेबनानी गांवों और कस्बों को तबाह करने की इस्राएल की विध्वंसक योजना" को रोकें. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि उनका देश "वो सब कुछ करने को तैयार है जिससे कि हम इस युद्ध को फैलने से रोक सकें." रूस ने भी युद्ध फैलने को लेकर "गंभीर चिंता" जताई है. यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने भी युद्धविराम पर जोर दिया है. उधर चीन ने सोमवार को अपने नागरिकों से कहा कि वे इस्राएल छोड़ दें.
एनआर/एके (एएफपी, एपी)