ललित मोदी पर नए गंभीर आरोप
७ मई २०१०इंग्लैड के क्रिकेट बोर्ड ने ललित मोदी पर इंग्लिश काउंटी टीमों को उकसाने के आरोप लगाए हैं. आरोपों में यह भी कहा गया है कि मोदी ने खिलाड़ियों को विद्रोह करने के लिए उकसाया. ईसीबी के मुताबिक मोदी ने कहा कि अगर बोर्ड खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने दे तो वह विद्रोह करें. ईसीबी की लिखित शिकायत के बाद बीसीसीआई ने मोदी को पांच पेज का कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिसमें उन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. मोदी को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है.
बीसीसीआई के सचिव एन श्रीनिवासन ने एक बयान में कहा कि बोर्ड ने मोदी को नया कारण बताओ नोटिस इंग्लिश और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष गिल्स क्लार्क के इमेल के बाद भेजा है. "इसमें गिल क्लार्क ने ललित मोदी की हरकतों की जानकारी बीसीसीआई को दी है. ये काम भारतीय, इंग्लिश और विश्व क्रिकेट के लिए हानिकारक है."
गंभीर आरोप
कारण बताओ नोटिस में मोदी की नई दिल्ली में इंग्लिश क्रिकेट काउंटी के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक का हवाला दिया गया है. बताया गया है कि इस बैठक में मोदी ने इंग्लैंड और वेल्स में समानांतर आईपीएल करवाने की बात की थी. इसके तहत आईपीएल की आठ फ्रैंचाइज़ी यूके में नौ काउंटी टीमों को ख़रीदना चाहती थीं.
मोदी के भेजे नोटिस में कहा गया है, "आरोप हैं कि आपने इसे व्यावसायिक प्रस्ताव की तरह रखा और ये भी तय किया कि आईपीएल हर काउंटी को सालाना तीस से पचास लाख डॉलर की गारंटी देगी, साथ ही पंद्रह लाख डॉलर की फीस भी, अगर काउंटी इस विचार पर सहमति देती है तो."
ये भी आरोप है कि "आपने एक समझौते का ख़ाका पेश किया जिसके हिसाब से फ्रैंचाइज़ी और काउंटी 80-20 के रेश्यो के हिसाब से कमाई बाटेंगीं."
क्रिकेट को झटका
इससे क्रिकेट के चेहरे पर भी दाग लगे हैं. नोटिस में लिखा गया है, "मोदी ने खिलाड़ियों को उकसाया कि अगर उनका क्रिकेट बोर्ड उन्हें आईपीएल के इस संस्करण में खेलने की इजाज़त नहीं देता तो वे विरोध करें."
अगर क्लार्क के आरोप सही हैं तो क्रिकेट जगत में बड़ी खलबली मचनी तय है. श्रीनिवासन ने कहा कि "इन आरोपों ने न केवल बीसीसीआई को चुनौती दी है बल्कि इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड को भी. साथ ही इससे संकेत मिला है कि आईपीएल फ्रैंचाइज़ी के हाथों में चला जाएगा और राष्ट्रीय गवर्निंग बॉडीज़ बेबस देखती रहेंगी कि कैसे प्रशासन और खेल दूसरे हाथों में जा रहा है."
मोदी पर बीसीसीआई का ये ताज़ा प्रहार है इसके पहले वित्तीय अनियमितताओं, भाईभतीजावाद और बोलियों के भाव बढ़ाने के आरोप हैं. जिसका उन्हें 10 मई तक जवाब देना है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादनः ओ सिंह