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'लड़कियों को मोबाइल न दें'

२२ अक्टूबर २०१२

"लड़कियों को मोबाइल फोन न दें. जब मोबाइल फोन नहीं था तो क्या हमारी माताएं और बहनें मर गई थीं." महिलाओं के प्रति कुंठा इस बयान में दिखती है और यह बयान एक भारतीय सांसद का है.

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तस्वीर: AP

ये बयान बहुजन समाज पार्टी के नेता राजपाल सिंह सैनी का है. 59 साल के सैनी राज्य सभा सांसद हैं. मुजफ्फनगर में एक कार्यक्रम के दौरान सैनी ने कहा, "बच्चों को खासतौर पर लड़कियों को मोबाइल फोन न दें. मैं जहां भी भाषण देता हूं, वहां ये बात कहता हूं. अगर किसी बच्चे के पास मोबाइल फोन हैं तो इसे वापस ले लें. उन्हें किस चीज की कमी है. मोबाइल न हो तो लड़कियों के पास किस चीज की कमी है."

सैनी से जनप्रतिनिधि होने के नाते एक व्यक्ति ने मदद मांगी. मदद मागने वाले की बेटी भाग गई. इसके जवाब में बीएसपी नेता ने कहा कि बेटी के भागने के पीछे असली वजह मोबाइल फोन है.

एक बेटे और एक बेटी के पिता सैनी ने अपनी बोशिदा दलील जारी रखते हुए आगे कहा, "हमारी माताएं, बहनें...उनके समय में मोबाइल फोन नहीं था तो क्या वे मर गईं."

सैनी के इस बयान पर अब हंगामा हो रहा है. यह पहला मौका नहीं है कि जब भारत में महिलाओं के अधिकारों को कुचलने के लिए सार्वजनिक तौर पर कोई बयान दिया जा रहा है. कुछ ही महीने पर हरियाणा में बागपत की एक पंचायत ने प्रेम विवाह पर रोक लगा दी. कन्या भ्रूण हत्या की वजह से लड़कियों की कमी झेल रहे राज्य की पंचायत ने 40 साल से कम उम्र की महिलाओं के दुकानकारी के लिए बाहर जाने पर भी पाबंदी लगा दी. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा था कि लड़के लड़कियों को मिली आजादी के कारण लड़कियों के साथ होने वाली बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही है.

ओएसजे/एएम (पीटीआई)