रूसी हमले का निशाना बने यूक्रेन की आबादी वाले इलाके
१ मार्च २०२२रूसी सैनिकों की गोलीबारी ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव के मुख्य चौराहे और दूसरे नागरिक इलाकों पर भारी प्रहार किया है. हमले के बाद खारकीव का मुख्य चौराहा धूल और मलबे से भर गया है. रूसी सैनिकों का हमला सूरज निकलने के कुछ देर बाद ही शुरू हो गया. हमले के बाद एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "आप इसे रोए बिना नहीं देख सकते." एक आपातकालीन अधिकारी ने बताया कि मलबे में से कम से कम 6 लोगों के शव निकाले जा चुके है. 20 दूसरे लोग भी इसमें घायल हुए हैं. यह साफ नहीं है कि हमला किस हथियार से किया गया या कुल कितने लोग इसके शिकार हुए हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि रूस यूरोप की जमीन पर कई पीढ़ियों बाद हो रही सबसे बड़ी जंग में दबाव बनाने के लिए आतंकवादी तरीकों का सहारा ले रहा है. रणनीतिक रूप से यूक्रेन के लिए अहम खारकीव में सोवियत जमाने की प्रशासनिक और रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया गया है. सोशल मीडिया पर आ रही तस्वीरों और वीडियो में यह देखा जा सकता है. गोलीबारी में एक मैटर्निटी वार्ड भी ध्वस्त हो गया है. जेलेंस्की ने खराकीव के मुख्य चौराहे पर हमले को "साफ तौर पर आतंकवाद" माना है और इसके लिए रूसी मिसाइल को जिम्मेदार बताते हुए युद्ध अपराध कहा है.
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शहर के केंद्र पर हमला
यह पहली बार है जब रूसी सेना ने शहर के केंद्र को निशाना बनाया है. खारकीव के बाहरी इलाके में कई दिनों से हमले चल रहे हैं. यूक्रेन के आपातकालीन सेवा का कहना है कि गोलाबारी के बाद 24 जगहों पर आग बुझाई है और 69 विस्फोटकों को बेकार किया गया है. बहुत सारे स्वयंसेवक और गार्डों ने इन प्रशासनिक इमारतों को अपना ठिकाना बनाया था. आशंका है कि कुछ स्वयंसेवक भी इस गोलीबारी के शिकार हुए हैं.
उधर रूसी सेना ने नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने के आरोप से इनकार किया है. रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगो का कहना है कि सेना, "नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए सारे कदम उठा रही है. मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हमले केवल सैन्य ठिकानों पर किए जा रहे हैं और बेहद सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है."ऐसी खबरें आ रही हैं कि रूस ने आबादी वाले तीन इलाकों में क्लस्टर बमों का प्रयोग किया है. मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि उसने एक क्लस्टर बम का इस्तेमाल पूर्वी यूक्रेन के अस्पताल पर हुए हमले में दर्ज किया है. स्कूल, अस्पताल और रिहायशी इमारतें हमले की चपेट में आई हैं लेकिन रूस इसे मानने से इनकार कर रहा है.
पश्चिमी देशों के तमाम उपायों के बावजूद रूसी अधिकारी लगातार धमकियां दे रहे है यहां तक कि रूसी राष्ट्रपति ने परामणु हथियारों को भी हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दे दिया है.
रूस के पूर्व राष्ट्रपति और पुतिन के करीबी दमित्री मेदवेदेव ने तो यहां तक कह दिया है कि रूस के खिलाफ चल रही "आर्थिक जंग असल जंग में भी" बदल सकती है. मेदवेदेव रुस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख हैं. फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायर ने कहा था कि यूरोपीय संघ रूस के खिलाफ आर्थिक जंग छेड़ने जा रहा है. इसी के जवाब में मेदवेदेव ने कहा, "अपनी जबान पर ध्यान दीजिए जेंटलमैन और यह मत भूलिए कि मानव इतिहास में आर्थिक जंग कई बार सचमुच की जंग में बदल गई है."
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दूसरे दौर की बातचीत
रूस और यूक्रेन के प्रतिनधियों के बीच पहले दौर की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला हालांकि दोनों पक्ष दूसरे दौर की बातचीत पर तैयार हो गए हैं. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने खबर दी है कि दोनों पक्षों की 2 मार्च को दूसरे दौर की बातचीत होगी.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विभाग का कहना है कि उसने अब तक 136 आम लोगों की मौत दर्ज की है. इनमें 13 बच्चे भी हैं. जंग में मरने वालों की असल संख्या इससे बहुत ज्यादा हो सकती है. इस बीच खारकीव से एक भारतीय छात्र के मौत की भी खबर आई है. छात्र की उम्र 21 साल बताई गई है. भारत के विदेश विभाग ने इस बात की पुष्टि की है कि और कहा है कि कर्नाटक का एक छात्र यूक्रेन में मारा गया है और सरकार पीड़ित परिवार के संपर्क में है. बीते दिनों में करीब 8 हजार भारतीय छात्र यूक्रेन से वापस आए हैं. इनमें से 1,400 छात्रों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों से छह खास उड़ानों में वापस लाया गया है. अनुमान है कि अब भी करीब 12,000 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं और मदद का इंतजार कर रहे हैं. भारत सरकार ने उन्हें निकालने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है.
पूरे यूक्रेन में बहुत सारे लोगों ने सोमवार को एक और रात शेल्टरों, तहखानों या फिर कॉरिडोर में बिताई है. खारकीव के एक तहखाने में कई पड़ोसियों के साथ पांच रातों से रह रही एकातेरिना बाबेंको ने कहा, "यह भयानक अनुभव है, और आपको बहुत अंदर तक मजबूती से जकड़ ले रहा है, इसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. हमारे साथ छोटे बच्चे हैं, बुजुर्ग लोग हैं और साफ कहूं तो यह बहुत डरावना है."
यूक्रेन सेना के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को चेर्निहीव इलाके में बेलारूस के सैनिक भी जंग में शामिल हो गए हैं. यूक्रेनी अधिकारी ने ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया. इससे कुछ ही पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति आलेक्जांडर लुकाशेंको ने कहा था कि उनके देश की युद्ध में शामिल होने की कोई योजना नहीं है.
खारकीव के केंद्र को निशाना बनाने का उद्देश्य फिलहाल समझ में नहीं आ रहा है. पश्चिमी अधिकारियों का अनुमान है कि रूस चाहता है कि यूक्रेन के सैनिक खारकीव की सुरक्षा में लग जाएं इस बीच वह कीव को घेर ले. उनका मानना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का लक्ष्य यूक्रेन की सरकार को सत्ता से हटा कर वहां अपने मनपसंद लोगों को बिठाना है.
कीव को घेरने की को कोशिश
रूसी सेना मंगलवार सुबह भारी हथियारों और सैनिक साजो सामान के साथ करीब 60 किलोमीटर लंबा काफिला लेकर राजधानी कीव की तरफ बढ़ी. फिलहाल यह काफिला कीव से 25 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है. रूसी सेना को यूक्रेन की तरफ से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है साथ ही वह आसमान में भी अभी पूरी तरह से अपना दबदबा नहीं बना सकी है.
यूक्रेन के लोग रूसी सेना का रास्ता रोकने के लिए हर संभव तरीके अपना रहे हैं. दक्षिणी यूक्रेन में ओडेसा और मिकोलाइव के बीच एक हाइवे को स्थानीय लोगों ने ट्रैक्टर के टायरों में रेत भर कर जाम कर दिया. इसके ऊपर रेत की बोरियां रख कर उन्होंने रूसी सैनिक काफिले के रास्ते में बाधा खड़ी कर दी. कीव में सिटी हॉल के दरवाजे और खिड़कियों पर रेत से भरे बोरियों का अंबार लगा है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक यूक्रेन से बाहर जाने वाले लोगों की संख्या 6,60,000 को पार कर गई है एक दिन पहले यह संख्या 5,00,000 बताई गई थी. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी आयुक्त की प्रवक्ता शाबिया मंटू का कहना है कि जिस दर से शरणार्थियों की संख्या बढ़ रही है उससे लग रहा है कि यह "इस शताब्दी में यूरोप की सबसे बड़ी शरणार्थी समस्या होगी." एजेंसी ने ज्यादा से ज्यादा देशों से शरणार्थियों को अपने देश में आने देने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही मंटू ने कहा, "हम इस बात पर जोर दे रहे हैं कि किसी इंसान या समूह के साथ भेदभाव ना हो.
युद्ध अपराध
अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत के मुख्य अभियोजक ने कहा है कि उसने यूक्रेन में जांच शुरू करने की योजना बनाई है और वह युद्ध पर नजर रख रहे हैं. यूक्रेन और कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत में इस बात की शिकायत करने की घोषणा की है. इस बीच पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई बढ़ा दी है. हालांकि ये देश सैनिक भेजने से अब तक इंकार कर रहे हैं.
यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लेयन ने बताया है कि मंगलवार को यूरोपीय संघ ने एक खास सत्र में यूक्रेन के लिए 56 करोड़ यूरो का बजट तय किया है. इस धन का इस्तेमाल के अंदर चल रहे संकट से निपटने और लाखों शरणार्थियों को मदद देने में किया जाएगा. यूक्रेन को यूरोपीय संघ में शामिल करने के सवाल पर उर्सुला फॉन डेय लेयन ने कहा "इसके लिए लंबा रास्ता तय करना होगा. हमें इस युद्ध को खत्म करना है उसके बाद अगले कदम उठाए जाएंगे." यूरोपीय संघ में शामिल होने की प्रक्रिया में सालों का वक्त लगता है. इसके लिए देशों को कारोबार, न्यायिक स्वतंत्रता और भ्रष्टाचार रोकने की कठोर शर्तों का पालन करना होता है.
एनआर/आरपी (एपी, एफपी, रॉयटर्स)