जानकारी छुपाने वाले फ्लिन ने इस्तीफा दिया
१४ फ़रवरी २०१७माइकल फ्लिन को अमेरिका का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने हुए एक महीना भी नहीं हुआ था कि इस्तीफा देने की नौबत आ गई. फ्लिन ने स्वीकार किया कि उन्होंने बीते साल दिसंबर में रूसी राजदूत से हुई टेलीफोन बातचीत के बारे में उप राष्ट्रपति माइक पेंस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को "अधूरी जानकारी" दी. बातचीत के दौरान ओबामा द्वारा रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में हुई थी. लेकिन फ्लिन ने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी. काफी वक्त तक वह अमेरिका में तैनात रूसी राजदूत सेर्गेई किसिलियाक के साथ ठोस बातचीत करने से इनकार करते रहे.
लेकिन सच्चाई सामने आ गई. 29 दिसंबर को तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस पर अमेरिकी चुनावों में दखल देने का आरोप लगाया. उस दिन भी फ्लिन ने सेर्गेई किसिलियाक से टेलीफोन पर बात की. अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने राष्ट्रपति कार्यालय को चेतावनी देते हुए कहा कि फ्लिन गलत जानकारी दे रहे हैं. हो सकता है कि फ्लिन मॉस्को की कठपुतली बन जाएं. बढ़ते दबाव के बीच सोमवार को फ्लिन ने इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे में फ्लिन ने माना कि उन्होंने अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के दौरान विदेशी अधिकारियों को कई फोन किये.
व्हाइट हाउस ने इस्तीफे की प्रति पत्रकारों को भी दी. फ्लिन ने लिखा, "दुर्भाग्य से, घटनाक्रम इतनी तेजी से बदल रहा था कि मैंने नव निर्वाचित उप राष्ट्रपति और अन्य लोगों को अनजाने में रूसी राजदूत के साथ फोन पर हुई बातचीत की अधूरी जानकारी दी. मैंने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति से माफी भी मांगी और उन्होंने मेरी माफी स्वीकार की."
फ्लिन पहले भी विवादों में आते रहे हैं. अमेरिकी डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के पूर्व प्रमुख फ्लिन पर रूस से नजदीकी के आरोप लगते रहे हैं. 2014 में इन्हीं आरोपों के चलते ओबामा प्रशासन ने उन्हें डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के प्रमुख पद से हटाया था. इसके बाद वह डिफेंस कॉन्ट्रैक्टरों के साथ काम करने लगे. इस दौरान उन्होंने एक इंटेलिजेंस कंसल्टिंग फर्म भी बनाई. 2015 में अमेरिका और पश्चिम के तनाव के बीच वह मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बगल में बैठे नजर आए. धीरे धीरे यह आरोप मजबूत होते गए कि फ्लिन के रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के साथ घनिष्ठ संबंध हैं.
फ्लिन के इस्तीफे के बाद व्हाइट हाउस ने अमेरिका के कार्यवाहक सुरक्षा सलाहकार के नाम का एलान किया. वियतनाम युद्ध में सक्रिय भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल जोसेफ केलोग जूनियर देश के कार्यवाहक राष्ट्रीय सुलाहकार होंगे.
(ट्रंप के इन कदमों से मची है खलखली)
ओएसजे/एमजे (एपी, डीपीए, रॉयटर्स)