रूस वेनेज़्वेला की दोस्ती और पक्की
१० सितम्बर २००९रूस और वेनेज़्वेला के बीच संबंध किस ओर जा रहे हैं इसका प्रमाण राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की पद संभालने के बाद चावेज़ के साथ हुई चौथी मुलाक़ात है. और इनमें से तीन मुलाक़ातें रूस में हुई है. गत नवम्बर में वेनेज़्वेला का दौरा करने वाले मेदवेदेव पहले रूसी राज्य प्रमुख बने. दोनों देशों के पारस्परिक संबंध सामरिक हैं, इसका प्रमाण मेदेवदेव के दौरे के समय दोनों देशों की नौसेनाओं का संयुक्त अभ्यास था.
अब जब चावेज़ मॉस्को में हैं तो उन्होंने रूस और निकारागुआ के बाद तीसरे देश के रूप में जॉर्जिया को मान्यता दे दी है. इसकी घोषणा करते हुए चावेज़ ने कहा कि आज ही मान्यता की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.
रूस ने दक्षिण ओसेतिया और अबखासिया को पिछले साल हुए युद्ध के बाद ही मान्यता दे दी थी. जॉर्जिया इन विद्रोही प्रांतों को अभी भी अपना हिस्सा मानता है. मेदवेदेव ने इस क़दम के लिए चावेज़ को धन्यवाद दिया और कहा कि रूस की हमेशा मानता रहा है कि मान्यता का फ़ैसला हर सरकार संप्रभु मामला है.
चावेज़ ने विद्रोही जॉर्जियाई प्रांतों को मान्यता देकर रूस की स्थिति मजबूत की है तो रूस वेनेज़्वेला को उसके बदले हथियारों की आपूर्ति कर रहा है. मेदवेदेव ने कहा कि वेनेज़्वेला को वे हथियार मिलेंगे जो वह चाहेगा. उन्होंने कहा "हम टैंकों की आपूर्ति करेंगे. हमारे पास अच्छे टैंक हैं."
चावेज़ का कहना है कि उन्हें लैटिन अमेरिका में उनके अनुसार अमेरिकी साम्राज्यवाद को रोकने के लिए हथियारों की ज़रूरत है. मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि वेनेज़्वेला 100 टैंक ख़रीदना चाहता है. चावेज़ आज प्रधानमंत्री व्लादीमिर पुतिन से भी मिलेंगे.
रूस और वेनेज़्वेला तेल और गैस के क्षेत्र में प्रमुख सत्ताएं हैं और अब तक उनके सहयोग को अमेरिका गपबाज़ी बताता रहा है लेकिन कोलंबिया जैसे देश उससे चिंतित हैं जिसके साथ वेनेज़्वेला के तनावपूर्ण संबंध हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल