रीसाइकल कचरे से यूं जली शिक्षा की लौ
चौथी क्लास में पढ़ने वाले फवास एदिओसुन को कई बार फीस नहीं भरने के कारण स्कूल से लौटा दिया जाता था. लेकिन उन्होंने अब एक अनोखे स्कूल में दाखिला ले लिया है. वहां फीस के बदले रीसाइकल कचरा लिया जाता है.
रीसाइकल कचरा ही स्कूल की फीस
नाइजीरिया की वित्तीय राजधानी लागोस में एक गरीब बस्ती में रहने वाले फवास एदिओसुन को फीस नहीं भरने पर स्कूल से लौटा दिया जाता था. फवास की मां के पास इतने पैसे नहीं होते थे कि वह फीस भर पाए. अब फवास का दाखिला एक ऐसे स्कूल में हुआ है जहां फीस के बदले रीसाइकल कचरा दिया जाता है.
गरीबों के लिए स्कूल
फवास की मां फातिमा सैलून चलाती थी, उस छोटे से सैलून को चलाकर जो थोड़ी सी आमदनी होती थी, उससे किसी तरह से उनके छह बच्चों का खर्च निकल पाता था. लेकिन 2018 में बकाया किराए का भुगतान नहीं कर पाने के कारण उन्हें सैलून छोड़ना पड़ा. उस समय उन्हें इस स्कूल के बारे में पता चला, जहां बच्चों को पढ़ाने के लिए किसी पैसे की जरूरत नहीं पड़ती.
ड्रीम स्कूल
माई ड्रीम स्टीड स्कूल में छात्रों की फीस का भुगतान नकद में नहीं लिया जाता है. स्कूल बच्चों के माता-पिता से ऐसा कचरा लेता है जिसको रीसाइकल करने वाले खरीद सके.
चालीस स्कूल
पिछले चार सालों से अफ्रीकी क्लीनअप इनेशिएटिव नाम का स्थानीय पर्यावरण संगठन माता-पिता द्वारा स्कूलों में लाई गई बोतलें, डिब्बे, कोल्ड ड्रिंक की बोतलें और प्लास्टिक के कंटेनर इकट्ठा कर रहा है और उन्हें रीसाइकल करने वालों को बेच रहा है. यहां करीब ऐसे चालीस स्कूल चल रहे हैं.
बच्चों को शिक्षा के करीब लाना
इस संगठन के संस्थापक अलेक्जेंडर अखिगबे कहते हैं कि योजना का उद्देश्य स्कूल से बाहर बच्चों की संख्या के साथ-साथ लागोस की सड़कों पर कचरे की मात्रा को कम करना है.